चीन-पाकिस्‍तान ने बिगाड़ा भारत के प्‍याज निर्यात का खेल! म्‍यांमार भी बाजार में कूदा, पढ़ें डिटेल

चीन-पाकिस्‍तान ने बिगाड़ा भारत के प्‍याज निर्यात का खेल! म्‍यांमार भी बाजार में कूदा, पढ़ें डिटेल

Onion Export: भारत द्वारा प्याज निर्यात पर ड्यूटी लगाने और देर से हटाने के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में हिस्सेदारी कम हुई. अब पाकिस्तान और चीन सस्ते और अच्छी गुणवत्ता वाले प्याज के कारण खरीदारों को आकर्षित कर रहे हैं, जिससे भारतीय निर्यात प्रभावित हुआ है.

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क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jun 28, 2025,
  • Updated Jun 28, 2025, 6:45 PM IST

भारत ने प‍िछले साल प्‍याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत ड्यूटी लगा दी थी, जिसके कुछ महीनों बाद इसे कम करके 20 प्रतिशत किया गया. वहीं, कुछ महीने पहले इस ड्यूटी को समाप्‍त किया था. लेकिन किसानों और निर्यातकों ने इसे देर से लिया हुआ फैसला बताया. वहीं, विदेशों में भारतीय प्‍याज की बिक्री पर संकट छा गया है, क्‍योंकि कई खरीदार देश पाकिस्‍तान और चीन जैसे देशों से प्‍याज खरीदने के आदि हो गए हैं. दुनिया के बाजारों में पाकिस्तान और चीन की तुलना में भारतीय प्याज का भाव घट रहा है. व्यापारियों और उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि भारत के प्रतिबंधों के चलते अंतरराष्ट्रीय खरीदार दूसरे देशों से प्याज खरीदने में रुचि ले रहे हैं. 

पाकिस्‍तानी प्‍याज का रेट कम

‘बिजनेसलाइन’ की रिपोर्ट के मुताबि‍क, बागवानी उत्पाद निर्यातक संघ (HPEA) के अध्यक्ष अजीत शाह ने कहा कि पाकिस्तान 170 डॉलर प्रति टन लागत और माल ढुलाई (CNF) पर श्रीलंका को प्याज की बिक्री कर रहा है. जबकि, भारत अपना प्याज 330 डॉलर प्रति टन सीएनएफ पर बेच रहा है. एग्री कमोडिटी एक्‍सपोर्ट करने वाली राजति ग्रुप ऑफ कंपनीज के डायरेक्‍टर एम मदन प्रकाश ने कहा कि विदेशों में भारतीय प्याज की मांग नहीं दिख रही है, जबकि‍ पाकिस्तानी प्याज की आवक बनी हुई है. 

गुलाबी प्‍याज के बाजार में कूदा म्‍यांमार

उन्‍होंने कहा कि इस बार पाकिस्तानी प्याज की अच्छी क्‍वालिटी की भी चर्चा हो रही है. इसके अलावा हमारे यहां से गुलाबी प्याज के निर्यात पर भी असर पड़ा है. अब तक इस पर हमारा प्रभुत्‍व रहा है लेकिन, अब म्यांमार ने इस प्याज को उगाना शुरू कर दिया है, जिसकी वजह से हमें 12 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर भी खरीदार नहीं मिल रहे हैं. पिछले साल, गुलाबी प्‍याज का भाव 30 रुपये प्रति किलोग्राम से ज्‍यादा था.

वहीं, अजीत शाह ने बताया कि पाकिस्तानी प्याज का वैश्विक बाजार में दो वजहों से अच्‍छा प्रदर्शन देखने को मिल रहा है. पहला तो यह कि इस बार पाकिस्तान में प्याज की ज्‍यादा फसल हुई है. दूसरा मुद्राओं में उतार-चढ़ाव के कारण उसे फायदा होता है. डॉलर की तुलना में भारतीय रुपया 85.42 पर है, जबकि पाकिस्तानी रुपया 282.94 पर है. इसके अलावा चीन की नई फसल ने भी भारतीय प्‍याज की बिक्री में बाधा डाली है, क्‍योंकि यह 250 डॉलर प्रति टन में उपलब्ध है. नई फसल होने के कारण खरीदार भी इसे पसंद कर रहे हैं.

ईरान और मिस्र से नई प्रतिस्‍पर्धा

वहीं, नासिक स्थित फर्म वीडीआई के विकास चौधरी ने कहा कि प्‍याज के ग्‍लोबल मार्केट में पाकिस्तान हमेशा से भारत का प्रतिस्पर्धी रहा है. अब हमें ईरान और मिस्र से नई प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि, पिछले हफ्ते मांग थोड़ी उभरी है. इसके अलावा लासलगांव कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) यार्ड की पूर्व अध्यक्ष सुवर्णा जगताप ने कहा कि निर्यात शुल्क के कारण प्याज का निर्यात प्रभावित हुआ है और पाकिस्तान में ज्‍यादा फसल का भी असर पड़ा है.

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