छत्तीसगढ़ जिला कांग्रेस कमेटी के बैनर तले किसान बीज और खाद मिलने में किसानों को हो रही परेशानी को लेकर एमसीबी जिले के धान बीज केंद्र चैनपुर स्थित धान बीज मंडी पहुंचे. बड़ी संख्या में किसान बीज और खाद खरीदने के लिए वहां पहुंचे थे. उनका कहना था कि वे कई दिनों से बीज के लिए अपने नंबर का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन उन्हें समय पर बीज और खाद नहीं मिल पा रहा है, जिससे उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि उनसे पैसे की मांग की जा रही है. दूर-दूर से किसान बीज और खाद खरीदने के लिए सुबह यहां पहुंचते हैं. वे सुबह से शाम तक भूखे-प्यासे बैठकर अपने नंबर का इंतजार करते हैं और फिर उन्हें यह कहकर मना कर दिया जाता है कि कल आना. इस तरह किसान लगातार परेशान हो रहे हैं और खेती से वंचित हो रहे हैं.
इसी तरह लालपुर के किसान मोती राम ने बताया कि मैंने धान बेचा लेकिन पैसा नहीं मिला. मुझे कहा गया कि पांच हजार लेकर आओ जिसके बाद मैं बैंक गया और बैंक से पैसा निकाला तो कहा गया कि बैठो और मैं बैठा हूं. मैं सुबह 10 बजे आया और 3 बज गए हैं.
वही किसान शिवचरण सिंह ने बताया कि मैं शंकरगढ़ से आया हूं. खाद-बीज तो मिल गया लेकिन पैसा नहीं मिला. पिछले 6 महीने से कह रहे हैं कि आज-कल देंगे लेकिन पैसा नहीं दे रहे हैं. रोपाई, जुताई और फिर धान के समय कटौती होती है. पांच-छह दिन बाद आया हूं, यहां चैनपुर से पर्ची जारी हो रही है और बीज-खाद दिया जा रहा है.
कांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव ने बताया कि पूरे प्रदेश में यही स्थिति है. प्रदेश सरकार किसानों को धान का बीज उपलब्ध नहीं करा पा रही है. न ही अन्य बीज उपलब्ध करा पा रही है और न ही मानक स्तर का खाद उपलब्ध करा पा रही है. साथ ही किसानों को खरीफ फसल के लिए लोन की सुविधा नहीं मिल पा रही है. आपने देखा होगा कि कई किसानों ने बताया कि वे 10-12 दिन से आ रहे हैं लेकिन उन्हें चेक नहीं मिल रहा है. आज हम तीन सोसायटियों में गए और चैनपुर में किसानों की समस्याओं को जाना और जाना कि किस तरह से प्रदेश सरकार उनके साथ खिलवाड़ कर रही है.
मंडी के कर्मचारी कमलेश ने बताया कि यहां 2400 किसान हैं और सभी किसानों का एक ही दिन में आना संभव नहीं है. एक दिन में 30-40 किसानों को पर्चियां जारी की जा रही हैं. रिकॉर्ड भी धीरे-धीरे मेंटेन करना पड़ता है, जो संभव नहीं है. किसान रोज आ रहे हैं, लेकिन हम जितने लोगों का काम कर सकते हैं, कर रहे हैं. जितने लोगों के कार्ड जमा हो रहे हैं, उतने लोगों को दे पाएंगे. हमें सीरियल से ही करना है. इससे अच्छा है कि वह एक महीने तक घूमे, जब उसका नंबर आएगा, तभी हम दे पाएंगे. (धीरेन्द्र विश्वकर्मा का इनपुट)