सब्जी की खेती किसानों के लिए फायदे का सौदा होती है. इसकी खेती से किसान तुरंत सब्जी बेचने के बाद पैसा कमा सकते हैं. लेकिन सब्जी की खेती में अच्छी पैदावार हासिल करने के लिए किसानों को खास ध्यान देना पड़ता है. खास कर बारिश के मौसम में खेतों में और अधिक ध्यान देने की जरूरत होती है क्योंकि खेतों में जलजमाव से सब्जी की खेती को नुकसान हो सकता है. इन जरूरी बातों के बीच यह जानना भी अहम है कि आलू, बींस, भिंडी, सेम जैसी सब्जियों को छोड़कर अधिकांश सब्जियों की नर्सरी तैयार की जाती है. नर्सरी में पौधे तैयार करने के बाद किसान उसे खेत में लगाते हैं. इसलिए नर्सरी से जुड़ी हर तरह की जानकारी किसान को होनी चाहिए.
आम तौर पर सभी मौसम में ही सब्जियों की खेती के लिए नर्सरी तैयार की जाती है. उसके बाद किसान नर्सरी में तैयार पौधों की खेत में रोपाई करते हैं. नर्सरी में पौध तैयार करने का फायदा यह होता है कि पौधे स्वस्थ तैयार होते हैं. पर इस विधि में जब पौधे के उखाड़कर खेत में लगाया जाता है, उस समय इसका खास ध्यान रखना पड़ता है. अक्सर यह देखा जाता है कि किसान पौधों के खेत में लेकर जाते हैं और उसे खेत में लगा देते हैं. इसमें विशेष ध्यान नहीं देने के अभाव में 2-3 दिन के अंदर ही एक तिहाई पौधे सूख जाते हैं. इस समस्या से निपटने के लिए किसानों को कुछ जरूरी उपाय अपनाना चाहिए.
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