ऊर्जा के क्षेत्र में स्वतंत्रता के प्रति भारत के संकल्प के समान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से देश को उर्वरक क्षेत्र में भी आत्मनिर्भरता दिलाने की जरूरत पर बल दिया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वर्तमान में भारत अपनी उर्वरक आवश्यकताओं के एक बड़े हिस्से के लिए दूसरे देशों से आयात पर निर्भर है. पीएम ने किसानों से मिट्टी के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए उर्वरकों का विवेकपूर्ण और वैज्ञानिक उपयोग अपनाने का आग्रह किया. बता दें कि 2023-24 में भारत की कुल वार्षिक उर्वरक खपत लगभग 601 लाख मीट्रिक टन होगी. लगभग 503 लाख मीट्रिक टन का उत्पादन भारत में घरेलू स्तर पर किया जाएगा, जबकि 177 लाख मीट्रिक टन आयात के माध्यम से आएगा.
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने युवाओं, औद्योगिक क्षेत्र और निजी क्षेत्र का आह्वान करते हुए देशवासियों से उर्वरकों के पर्याप्त घरेलू भंडार बनाने के प्रयासों में एकजुट होने के लिए कहा. साथ ही उन्होंने फर्टिलाइजर के अंधाधुंध उपयोग के प्रति आगाह भी किया, जिससे "धरती माता" को दीर्घकालिक नुकसान होता है. उन्होंने उर्वरक के स्वदेशी उत्पादन के माध्यम से देश की जरूरतों को पूरा करने के लिए नए तरीकों की खोज और विकास को प्रोत्साहित किया. लाल किले से प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जैसे हम ऊर्जा के लिए दुनिया पर निर्भर हैं, वैसे ही देश का दुर्भाग्य है कि हमें उर्वरकों के लिए भी दुनिया पर निर्भर रहना पड़ता है.
पीएम ने आगे कहा, "मेरे देश के किसान उर्वरकों का सही उपयोग करके भी धरती माता की सेवा कर सकते हैं. हम अंधाधुंध तरीके से उर्वरकों का उपयोग करके धरती माता को बहुत नुकसान पहुंचा रहे हैं. लेकिन साथ-साथ मैं देश के नौजवानों से, देश के उद्योग जगत से, देश के प्राइवेट सेक्टर से कहना चाहता हूं, आइए हम खाद के भंडार भरें, नए तरीके खोजें और भारत की आवश्यकता के अनुसार अपनी खाद खुद तैयार करें."
इसको लेकर रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "सरकार ने उर्वरक में घरेलू क्षमता को बढ़ाने, टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने और आयात पर निर्भरता कम करने के लिए, उद्योग हितधारकों, अनुसंधान संस्थानों और राज्य सरकारों के साथ निकट समन्वय में काम करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की है." गौरतलब है कि पिछले एक दशक में, भारत के उर्वरक उद्योग में लगातार वृद्धि देखी गई है. कुल उर्वरक उत्पादन 2014-15 के 385.39 लाख मीट्रिक टन (LMT) से बढ़कर 2023-24 में 503.35 लाख मीट्रिक टन हो गया है. पिछले 6 सालों में देश भर में 6 नए यूरिया संयंत्र चालू हो गए हैं.
(सोर्स- ANI)
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