बिहार के बगहा में बाघ का आतंक फैला हुआ है. खबर है कि खेत में काम कर रहे किसान पर दबे पांव आए टाइगर ने पीछे से हमला कर दिया और खींचकर जंगल की ओर ले गया. बाघ के इस हमले में किसान की दर्दनाक मौत हो गई. इतनी ही नहीं किसान के रेस्क्यू के लिए गया एक टाइगर ट्रैकर भी बुरी तरह जख्मी हो गया. जिसके बाद घायल वनकर्मी को रामनगर अस्पताल में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है. मगर मृत किसान के शव की अभी भी तलाश जारी है.
दरअसल वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व बिहार में इकलौता टाइगर रिजर्व है. खरीफ की फसल का समय चल रहा है, इसलिए इस जंगल से सटे खेतों में एक किसान काम कर रहा था. तभी अचानक जंगल से दबे पांव आए बाघ मथुरा महतो नाम के किसान पर अचानक हमला कर दिया. जब इस घटना की सूचना मिली तो गोबर्धना रेंज की टीम फौरन मौके पर पहुंची. आनन-फानन में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया जिसमें शामिल विजय उरांव और अन्य कर्मियों ने सर्च ऑपरेशन जारी किया. इसी दौरान गोवर्धना वन क्षेत्र में घोड़ा घाट के पास खैरहनी गांव में एक गन्ने का खेत पड़ा, जहां ये बाघ छिपा बैठा था. तभी इस बाघ ने वनकर्मी विजय उरांव पर भी एकाएक हमला कर दिया और उसे गंभीर रूप से जख़्मी कर दिया.
मगर इसी बीच मथुरा महतो का शव बरामद कर लिया गया है. शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजा गया है, जबकि वनकर्मियों के सहयोग और तत्परता के कारण वनकर्मी विजय उराव की जान बचा ली गई. बताया जा रहा है की वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व से भटके बाघ का रेस्क्यू और उसे जंगल में वापस लौटाने के दौरान यह घटना घटी है. इस घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल है और ग्रामीण बेहद सहमे हुए. किसानों की तो अब अपने ही खेत में जाने की हिम्मत नहीं हो रही है. गांव के लोग जत्था में बैठक कर घटना से नाराजी जता रहे हैं. वहीं टाइगर रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे वनकर्मी पर हमला के बाद वन विभाग की टीम सकते में आ गई है.
इधर सूचना मिलने पर गोबर्धना रेंज की टीम गांव में गन्ना खेत के पास ही कैंप कर रही है और टाइगर ट्रैकिंग में जुटी है, ताकि बाघ का सफल रेस्क्यू हो सके या समय रहते उसे जंगल की ओर भगा दिया जाए. बता दें की बाघ के हमले में किसान की मौत और वनकर्मी के गंभीर रूप से जख़्मी होने की पुष्टि उसके सहयोगी वनकर्मी राम बिनय उरांव के साथ साथ CHC रामनगर के चिकित्सा पदाधिकारी मिथिलेश कुमार समेत VTR के CF डॉक्टर नेशामणी ने भी की है. लिहाजा CF डॉक्टर नेशामणी इस पूरे मामले की मॉनिटरिंग कर रहें. साथ ही ग्रामीणों से झुण्ड बनाकर लाठी डंडे के सहारे खेतों में जाने की सलाह दी गई है. वहीं मृतक किसान की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर परिजनों को मुआवजा दिए जाने का भी भरोसा दिलाया है.
(रिपोर्ट- गिरीन्द्र कुमार पाण्डेय)
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