राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 की नामांकन प्रक्रिया सोमवार से शुरू हो गई. प्रदेश में मंगलवार को कई बड़े नेताओं ने अपना नामांकन भरा. इनमें कांग्रेस के बड़े नेता सचिन पायलट भी शामिल हैं. साथ ही सांगानेर विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पेन्द्र भारद्वाज, चौमू विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी रामलाल शर्मा ने नामांकन भरा. वहीं, पहले दिन आठ उम्मीदवारों ने नौ नामांकन पत्र दाखिल किए. उम्मीदवारों की ओर से नामांकन पत्र के साथ लगाए गए शपथ पत्र को निर्वाचन विभाग की वेबसाइट और निर्वाचन विभाग के केवाईसी-ईसीआई एप पर भी अपलोड किया गया है. मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि प्रदेश की सभी 200 विधानसभा सीटों के लिए 30 अक्टूबर को चुनाव कार्यक्रम की अधिसूचना जारी होने के बाद रिटर्निंग अधिकारी एवं सहायक रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालयों एवं अन्य महत्वपूर्ण कार्यालयों के बाहर लोक सूचना चस्पा की गई है. नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तारीख छह नवम्बर है. पांच नवंबर को रविवार होने के कारण नामांकन पत्र दाखिल नहीं किए जा सकेंगे.
वहीं, नॉमिनेशन का टाइम सुबह 11 बजे से दोपहर तीन बजे तक चलेगी. नामांकन पत्रों की जांच सीत नवम्बर को की जाएगी. उम्मीदवारों की ओर से नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख नौ नवम्बर है. बता दें कि पूरे प्रदेश में एक ही चरण में 25 नवम्बर को सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान होगा एवं मतगणना 3 दिसम्बर को होगी.
नॉमिनेशन भरते समय सामान्य वर्ग के उम्मीदवार को 10 हजार रुपये और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवार को पांच हजार रुपये जमानत राशि जमा करानी होगी. निर्वाचन विभाग के अनुसार उम्मीदवीरों को नामांकन के समय सभी आवश्यक दस्तावेज जैसे जमानत राशि का प्रमाण, प्रारूप-ए और बी, शपथ पत्र देने होंगे.
यदि उम्मीदवार उसी निर्वाचन क्षेत्र का वोटर नहीं है जहां से वह चुनाव लड़ रहा है तो ऐसे उम्मीदवार को संबंधित निर्वाचन क्षेत्र की निर्वाचक नामावली की प्रति या निर्वाचक नामावली से संबंधित भाग की प्रमाणित प्रति दाखिल करनी होगी.
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बता दें कि प्रदेश में पहले दिन सात उम्मीदवारों ने गंगानगर, गढ़ी, भीलवाड़ा, बहरोड़, बानसूर, नोखा और चौरासी विधानसभा क्षेत्रों के लिए 1-1 नामांकन पत्र और घाटोल विधानसभा क्षेत्र में एक उम्मीदवार ने दो नामांकन पत्र दाखिल किए.
राजस्थान विधानसभा चुनाव- 2023 के लिए नॉमिनेशन शुरू होने के साथ ही एफएसटी के साथ एसएसटी यानि स्टैटिक सर्विलेंस टीम ने भी निर्वाचन विभाग की निगरानी में काम करना शुरू कर दिया है. अब प्रदेश भर में एसएसटी के 11, 844 सदस्यों की तैनाती के बाद कुल 23, 688 कार्मिक प्रदेश भर में हर गतिविधि पर नजर रख रहे हैं.
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अब तक एफएसटी यानी उड़न दस्ता दल के 11,844 सदस्य ही काम कर रहे थे. भारत निर्वाचन आयोग की ओर से उम्मीदवारों के चुनाव खर्चे की निगरानी के लिए लगाए गए 70 व्यय पर्यवेक्षकों ने भी क्षेत्र में काम शुरू कर दिया है. इस प्रकार, अब प्रदेश भर में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन, अवैध नकदी व अवैध सामग्री के परिवहन और निर्वाचन से जुड़े खर्च पर निर्वाचन आयोग की पैनी नजर रहेगी.