आम का सीजन शुरू हो गया है. बाजारों में तरह-तरह के आम बिकने लगे हैं और आम के शौकीन लोग इसका खूब आनंद उठा रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सभी आम एक जैसे नहीं होते या एक ही कीमत पर नहीं बिकते? लोग आम को आमतौर पर स्थानीय बाजारों से खरीदकर उसका आनंद लेते हैं जो किफायती दामों में मिल जाते हैं. लेकिन भारत में आम की कुछ किस्में इतनी दुर्लभ और शानदार हैं कि उनकी कीमत बहुत अधिक है.
यहां हम आपको बताएंगे कि भारत में एक आम की एक ऐसी किस्म है जिसकी कीमत 3 लाख रुपये प्रति किलो तक है. और भी कुछ किस्में हैं. चौंक गए न? अगर आप जानना चाहते हैं कि ये आम इतने महंगे क्यों हैं, तो आराम से इस खबर को पढ़िए क्योंकि हम आपको भारत में उगाए जाने वाले 5 सबसे महंगे आमों के बारे में बताएंगे, जिसे खरीदने के लिए आपको अपना थोड़ा सा बजट बिगाड़ना पड़ेगा.
मियाज़ाकी आम को 'सूर्य का अंडा' भी कहा जाता है, ये न केवल भारत का सबसे महंगा आम है, बल्कि दुनिया के सबसे महंगे आमों में से भी एक है. इसकी कीमत कि बात करें तो ये 2 से 3 लाख रुपये प्रति किलो तक मिलता है. ये मूल रूप से जापान से है लेकिन इसे भारत के चुनिंदा हिस्सों में अत्यधिक सावधानी से उगाया जाता है. ये सामान्य पीले या नारंगी आमों की तुलना में अपने गहरे लाल और बैंगनी रंग के कारण काफी खास है. वहीं, जिस चीज ने इसे महंगा बनाया है, वह है इस आम की खेती का तरीका.
इसकी खेती में एक निश्चित मात्रा में धूप, देखभाल और छंटाई की ज़रूरत होती है, जिससे मेहनत और खेती की लागत बढ़ जाती है. मियाज़ाकी आम अपनी मक्खन जैसी बनावट और स्वादिष्ट स्वाद के लिए भी मशहूर है. यानी इसे खाने के लिए लोगों को अपनी जेब ढीली करनी पड़ सकती है.
अल्फांसो आम मुख्य रूप से महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में उगाया जाता है, यह भारत के सबसे लोकप्रिय आमों में से एक है. आकार, स्वाद और क्वालिटी के आधार पर इसकी कीमत 1,000 से 2,000 रुपये प्रति दर्जन के बीच है. इसका चमकीला केसरिया रंग, मीठी सुगंध और मलाईदार बनावट इसे आम के मौसम में पसंदीदा बनाती है. उच्च मांग और कम समय में फसल तैयार होने के कारण अल्फांसो लोगों के बीच एक महंगा लेकिन पसंदीदा विकल्प बना हुआ है.
कोहितुर आम को 'आमों का कोहिनूर' भी कहा जाता है. दरअसल, पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले से जुड़ा ये एक खास किस्म का आम है. यह अपनी अनूठी खुशबू, स्वाद और दुर्लभता के लिए जाना जाता है. कोहितुर आम की कीमत 500 रुपये से 1500 रुपये प्रति पीस तक हो सकती है. ऐतिहासिक रूप से, यह राजाओं और नवाबों के लिए आरक्षित था, जो इसे आज भी शाही दर्जा देता है. इस आम की बनावट चिकनी, नाजुक सुगंध और भरपूर मीठा स्वाद इसे बाजार में मौजूद अन्य किस्मों से अलग बनाता है. इसकी विरासत भारत में उगाए जाने वाले सबसे महंगे आमों में से एक बनाती है.
हिमायत के नाम से जाना जाने वाला इमाम पसंद आम एक महंगा और खास किस्म है, जो अपने अनोखे स्वाद के लिए जाना जाता है. इसकी कीमत आमतौर पर 1,000 रुपये प्रति दर्जन से शुरू होती है और आकार, ग्रेड और क्वालिटी के आधार पर अधिक हो सकती है. इन आमों में नरम, रसदार गूदा होता है जिसमें हल्का खट्टापन होता है. लेकिन जो चीज इसे महंगा बनाती है, वह है उनकी खेती का कम समय, कम शेल्फ लाइफ और नाजुक त्वचा, जिससे परिवहन और हैंडलिंग बहुत अधिक महंगी हो जाती है. ये आम मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश के चुनिंदा हिस्सों में उगाया जाता है.
नूरजहां सिर्फ़ सबसे महंगे दामों में से एक ही नहीं है, बल्कि यह सबसे दुर्लभ आमों में से भी एक है. इसकी खेती मध्य प्रदेश के कट्ठीवाड़ा क्षेत्र में की जाती है और यह अपने बड़े आकार के लिए प्रसिद्ध है. इस किस्म के प्रत्येक फल का वजन दो से ढाई किलो के बीच हो सकता है. इसकी खासियत के आधार पर इस आम की कीमत 500 से 1,000 रुपये प्रति पीस तक हो सकती है. इसके अलावा, इस आम का नाम नूरजहां के नाम पर रखा गया है, जो मुगल रानी थीं और जिन्होंने अफगानिस्तान से गुजरात के रास्ते भारत की यात्रा की थी. ये आम अपने सुगंध और मीठी स्वाद और बड़े आकार के लिए प्रसिद्ध है.