जब भी अनाज की बात की जाती है तो सबसे पहले हमारे जेहन में गेहूं, चावल और दाल का खयाल आता है. वैसे तो गेहूं, चावल और दाल का इस्तेमाल लगभग सभी घरों में होता है और इन्हें खाने की परंपरा हमारे देश में पिछले कई दशकों से है. हालांकि, कई और ऐसे अनाज हैं जो कभी खूब चलन में थे, लेकिन मौजूदा वक्त में ज्यादा नहीं है. मोटे अनाज इसी श्रेणी में आते हैं. जिसमें ज्वार, बाजरा, रागी, सावां, कंगनी, चीना, कोदो, कुटकी और कुट्टू शामिल है. मोटे अनाज पौष्टिक तत्वों से भरपूर होते हैं. ऐसे में आइये आज मोटे अनाजों के सेवन से होने वाले फायदे के बारे में जानते हैं-
बाजरा लौह लवण से भरपूर होता है इसलिए शरीर में यह खून की कमी को दूर करने में सहायता करता है. वहीं ज्वार शरीर की हड्डियों के लिए अच्छी मात्रा में कैल्शियम, खून के लिए फॉलिक एसिड के अलावा कई अन्य पोषक तत्व प्रदान करता है. इसी तरह से रागी एकमात्र ऐसा मोटा अनाज है जिसमें कैल्शियम की मात्रा भरपूर मात्रा में पाई जाती है.
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जो लोग दूध का सेवन नहीं करते हैं, लेकिन मोटे अनाजों का सेवन करते हैं, उनमें कैल्शियम की कमी नहीं होती. हालांकि, सभी मिलेट्स या मोटे अनाजों में लगभग उतनी ही मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है जितना कि गेहूं और चावल में पाया जाता है. यानी 100 ग्राम कोई भी मिलेट्स खाएंगे तो 7-12 ग्राम प्रोटीन हमें मिलता है. लेकिन अंतर ये है कि ये अमीनो एसिड का बना होता है इसकी गुणवत्ता गेहूं और चावल के प्रोटीन से बेहतर होती है.
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• हड्डियां मजबूत होती हैं.
• शरीर में कैल्शियम की पूर्ति
• पाचन क्रिया मजबूत
• वजन नियंत्रित करने में सहायक
• रक्त की कमी होने की समस्या कम
• डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंद
• हार्ट के लिए फायदेमंद
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