उत्तर प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जिलों में हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों को जल्द राहत देने के निर्देश दिए हैं. साथ ही उन्होंने 12 बाढ़ प्रभावित जिलों के लिए टीम 11 बनाई है. उन्होंने कहा है कि बाढ़ के कारण जिन किसानों की फसलें नष्ट हुई हैं, वहां जल्द से जल्द सर्वे कर मुआवजे की कार्यवाही आगे बढ़ाएं. साथ ही जहां नदी के कटाव, या बाढ़ की वजह से जिन परिवारों का घर-गृहस्थी का सामान नष्ट हुआ है या नुकसान हुआ है, उन्हें 24 घंटे के अंदर सहायता राशि दी जाए. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि सहायता स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में दी जाए, ताकि पारदर्शिता बनी रहे और मदद सही लोगों तक पहुंचे. इसके साथ ही उन्होंने सभी अधिकारियों को स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रियों की एक विशेष टीम, ‘टीम-11’ बनाई है. ये मंत्री बाढ़ प्रभावित 12 जिलों में जाकर राहत कार्यों की निगरानी करेंगे और जरूरतमंदों तक सहायता पहुंचाना सुनिश्चित करेंगे. मुख्यमंत्री ने सभी प्रभारी मंत्रियों को तुरंत अपने-अपने जिलों में जाकर राहत शिविरों का निरीक्षण करने और प्रभावित लोगों से संवाद करने को कहा है.
मुख्यमंत्री ने जिलों के डीएम, एसपी, सीएमओ और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को 24 घंटे फील्ड में रहने और राहत कार्यों की लगातार निगरानी करने के निर्देश दिए हैं. तटबंधों की चौबीसों घंटे निगरानी, जलभराव वाले गांवों से पानी की निकासी और राहत शिविरों में भोजन, दवा, सफाई और जरूरी व्यवस्थाएं दुरुस्त करने पर जोर दिया गया है.
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि जलभराव वाले गांवों में पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए और उनके चारे की व्यवस्था की जाए. साथ ही, बाढ़ प्रभावित इलाकों के अस्पतालों में एंटी स्नेक वेनम और एंटी रैबीज इंजेक्शन उपलब्ध रहें, ताकि सर्पदंश जैसी स्थिति में तुरंत इलाज हो सके. शहरी इलाकों में जलभराव से बचाव के लिए मुख्यमंत्री ने नालों की सफाई और पंपिंग स्टेशन चालू रखने को कहा है. पंपिंग स्टेशन के लिए वैकल्पिक बिजली सप्लाई के इंतजाम की जिम्मेदारी भी तय की गई है.
मुख्यमंत्री ने साफ किया है कि किसी भी तरह की भ्रामक सूचना या अफवाह पर तत्काल और सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि संकट की इस घड़ी में जनता तक सही जानकारी पहुंचे और भ्रम न फैले. मुख्यमंत्री ने कहा है कि सभी 12 बाढ़ प्रभावित जिलों की निगरानी उच्च स्तर पर की जाए और मुख्यमंत्री कार्यालय को लगातार रिपोर्ट भेजी जाए.