देश में प्याज के गिरते दाम को लेकर महाराष्ट्र के दो संगठनों ने दो केंद्रीय मंत्रियों को पत्र लिखा है. एक पत्र कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम है तो दूसरा पत्र वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के नाम है. इन दोनों पत्रों में प्याज की गिरती कीमतों पर चिंता जताई गई है और तुरंत सरकारी हस्तक्षेप की मांग की गई है. पहला पत्र नासिक से सांसद राजभाऊ प्रकाश वाजे ने कृषि मंत्री को लिखा है. उन्होंने यह पत्र बागवानी उत्पाद निर्यातक संघ (HPEA) की ओर से लिखा है.
पत्र में प्रकाश वाजे लिखत हैं, मैं देश भर के प्याज किसानों और व्यापारियों के सामने पैदा हुई एक गंभीर स्थिति की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं, जिसके लिए आपके सम्मानित मंत्रालय द्वारा तत्काल हस्तक्षेप जरूरी है. जैसा कि आप जानते हैं, भारत इस साल अच्छे मॉनसून की उम्मीद कर रहा है. मैं विशेष रूप से अगस्त में दक्षिणी हिस्से की फसल के जल्दी आने पर ध्यान दे रहा हूं, जिससे स्थानीय बाजारों में ताजा प्याज की अच्छी-खासी आवक होने की उम्मीद है. हालांकि अच्छी फसल आम तौर पर स्वागत योग्य होती है, लेकिन पर्याप्त मांग समर्थन के बिना, आपूर्ति में होने वाली इस तेज वृद्धि से प्याज की कीमतों में भारी गिरावट आने की संभावना है.
कीमतों में इस तरह की गिरावट से हमारे मेहनती प्याज किसानों, जिन्होंने इसमें काफी संसाधन और प्रयास लगाए हैं, को भारी आर्थिक नुकसान होगा. इसके अलावा, इसका प्याज व्यापारियों पर भी गंभीर प्रभाव पड़ेगा, जिससे पूरी सप्लाई चेन बाधित होगी. वाजे ने लिखा है, ऐसी स्थिति में एक्सपोर्ट मार्केट एक बड़ा रोल निभा सकता है और प्याज की अधिक सप्लाई को एडजस्ट कर कीमतों को स्थिर कर सकता है. ऐसे में सरकार को कुछ बातों पर तुरंत ध्यान देने का आग्रह करते हैं.
सरकार प्याज पर RoDTEP की दर को बढ़ाकर 5 परसेंट तक करे. अभी RoDTEP की दर मददगार होते हुए भी अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारत का प्याज बाकी देशों को टक्कर नहीं दे पा रहा है. हमें 'पाकिस्तान और चीन' जैसे अन्य प्रमुख प्याज निर्यातक देशों से मिलने वाले कड़े मुकाबले पर भी विचार करना चाहिए. ये दोनों देश भी इस साल भारी फसल की उम्मीद कर रहे हैं और पहले से ही बहुत कम दरों पर आपूर्ति कर रहे हैं, जिससे भारतीय निर्यातकों के लिए बिना मज़बूत सरकारी समर्थन के प्रभावी ढंग से मुकाबला करना मुश्किल हो रहा है.
प्याज निर्यात के लिए माल ढुलाई लागत पर 7 परसेंट तक की समान सब्सिडी वाला ट्रांसपोर्ट और मार्केटिंग असिस्टेंस (IMA) लागू करें. अंतर्देशीय और समुद्री माल ढुलाई की भारी लागत, विशेष रूप से छोटे और मध्यम आकार के निर्यातकों के लिए एक बड़ी बाधा है. ट्रांसपोर्ट सब्सिडी मिलने से इस बाधा को दूर करने में मदद मिलेगी और विदेशी मार्केट में भारत का प्याज टिक पाएगा. RoDTEP और आईएमए दोनों मिलकर भारत के प्याज को निर्यात करने में मदद करेंगे.
ऐसा ही एक और पत्र नासिक के लासलगांव एपीएमसी के चेयरमैन ज्ञानेश्वर किसान जगताप ने वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को लिखा है. जगताप ने लिखा है, लासलगांव कृषि उपज मंडी समिति (एपीएमसी) देश की प्रमुख प्याज मंडियों में से एक है, जहां नासिक और आसपास के 3-4 जिलों के किसान अपनी उपज बिक्री के लिए लाते हैं.
वर्तमान में, नासिक जिले में ग्रीष्मकालीन प्याज की भारी आवक है. पिछले महीने जहां प्याज 1,500 से 1,600 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा था, वहीं वर्तमान बाजार भाव गिरकर 1,000 से 1,100 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है. अभी बाजार में लाए जा रहे प्याज को किसानों ने पिछले चार महीनों से जमा किया हुआ था, और कीमतों में अचानक गिरावट से उन्हें काफी आर्थिक नुकसान हुआ है.
कई किसानों के पास अभी भी प्याज का पर्याप्त स्टॉक है. इसके अलावा, इस साल मॉनसून के जल्दी आने के कारण, लाल (खरीफ) प्याज की आवक सामान्य से पहले होने की उम्मीद है. इसके अतिरिक्त, अगस्त में दक्षिण भारत से नए प्याज की आवक होने की उम्मीद है, जिससे आपूर्ति में और वृद्धि हो सकती है और कीमतों में और गिरावट आ सकती है. इसे देखते हुए सरकार प्याज पर RoDTEP की दर को बढ़ाकर 5 परसेंट तक करे. साथ ही प्याज निर्यात के लिए माल ढुलाई लागत पर 7 परसेंट तक की समान सब्सिडी वाला ट्रांसपोर्ट और मार्केटिंग असिस्टेंस (IMA) लागू किया जाए. इससे किसानों के प्याज को निर्यात करने में सहूलियत होगी.