जैसे-जैसे त्योहारी सीजन नजदीक आ रहा है, भारतीय आयातक पाम तेल की खरीद बढ़ा रहे हैं. इंडियन वेजिटेबल ऑयल प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (IVPA) के मुताबिक, वैश्विक बाजार में पाम तेल की कीमतों में गिरावट आई है, जिससे इसे आयात करना अब ज्यादा सस्ता और फायदेमंद हो गया है.
भारत में रक्षाबंधन, गणेश चतुर्थी, नवरात्रि, दशहरा और दीवाली जैसे त्योहारों के दौरान खाने-पीने की चीजों की मांग काफी बढ़ जाती है. इसी को ध्यान में रखते हुए कंपनियां अभी से पाम तेल की बड़ी मात्रा में खरीद कर रही हैं ताकि समय पर आपूर्ति में कोई परेशानी न हो.
IVPA के अध्यक्ष सुधाकर देसाई ने जानकारी दी कि हाल ही में सरकार ने कच्चे खाद्य तेलों (क्रूड एडिबल ऑयल) पर आयात शुल्क 20% से घटाकर 10% कर दिया है. इससे आम उपभोक्ताओं को थोड़ी राहत मिलेगी. उन्होंने कहा कि अगर यह कटौती नहीं होती, तो तेल की कीमतें और भी ज्यादा होतीं.
देसाई ने बताया कि आयात शुल्क में कमी का असर ढीले (loose) तेलों की कीमतों में दो दिनों के अंदर देखने को मिला. हालांकि, पैक्ड तेलों की कीमतों में यह असर दिखने में लगभग 25 दिन लगते हैं. इसका कारण पैकेजिंग, स्टॉक और डिस्ट्रीब्यूशन से जुड़ी प्रक्रियाएं हैं.
IVPA ने सरकार द्वारा जल्द ही लागू की जाने वाली नई वेजिटेबल ऑयल नीति का भी स्वागत किया है. संगठन का मानना है कि इससे खाद्य तेल क्षेत्र को और पारदर्शिता मिलेगी और उपभोक्ताओं को बेहतर गुणवत्ता वाला तेल मिलेगा.
त्योहारी सीजन में मांग बढ़ने और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें घटने के चलते भारतीय बाजार में पाम तेल की खरीदारी तेज हो गई है. सरकार के हालिया फैसलों से उपभोक्ताओं को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है.