गुजरात में 25 साल में 5 गुना बढ़ी दूध की खरीद, रेट को लेकर भी सहकारिता मंत्री शाह ने दी जानकारी

गुजरात में 25 साल में 5 गुना बढ़ी दूध की खरीद, रेट को लेकर भी सहकारिता मंत्री शाह ने दी जानकारी

Gujarat Milk Production: केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने बताया कि गुजरात में दूध खरीद 2001-02 के 50 लाख लीटर प्रतिदिन से बढ़कर 2024-25 में 250 लाख लीटर हो गई है यानी 5 गुना की वृद्धि दर्ज की गई है. साथ ही केंद्रीय मंत्री ने दूध के रेट को लेकर भी जानकारी दी. पढ़ें पूरी खबर...

Union Home and Cooperation Minister Amit ShahUnion Home and Cooperation Minister Amit Shah
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Aug 19, 2025,
  • Updated Aug 19, 2025, 7:54 PM IST

केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में जानकारी दी कि गुजरात में दूध की खरीद में 5 गुना उछाल दर्ज किया गया है. वर्ष 2001-02 में जहां रोजाना 50 लाख लीटर दूध खरीदा जाता था, वहीं अब यह बढ़कर 2024-25 में 250 लाख लीटर प्रतिदिन तक पहुंच गया है. इससे न सिर्फ डेयरी किसानों की आमदनी में इजाफा हुआ है, बल्कि पोस्ट-हार्वेस्ट लॉस भी काफी घटा है. वहीं, अमित शाह ने बताया कि पिछले 15 वर्षों में किसानों को मिलने वाली दूध की कीमतों में 140 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. पहले जहां किसानों को औसतन 400 रुपये प्रति किलो फैट मिलते थे, वहीं अब यह बढ़कर 950 रुपये प्रति किलो फैट हो गया है. इस बढ़ोतरी से दुग्ध संघों की चिलिंग और प्रोसेसिंग क्षमता को भी मजबूती मिली है.

आधुनिक ढांचे और अमूल की ताकत से बढ़ी रफ्तार

पीटीआई के मुताबिक, शाह ने जानकारी दी कि दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए गुजरात को कई सरकारी योजनाओं का फायदा मिला है. नेशनल प्रोग्राम फॉर डेयरी डेवलपमेंट (NPDD), डेयरी प्रोसेसिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (DIDF) और एनिमल हजबेंडरी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (AHIDF) ने मिलकर आधुनिक ढांचे, नस्ल सुधार और चारा विकास में अहम योगदान दिया है.

राज्य को 315 करोड़ रुपये की ग्रांट मिली

पिछले सात सालों में NPDD के तहत राज्य को 315 करोड़ रुपये की ग्रांट मिली, जिससे हजारों बल्क मिल्क कूलर, ऑटोमैटिक कलेक्शन सिस्टम और मिलावट जांच मशीनें स्थापित की गईं. वर्तमान में अमूल (GCMMF) अपने 18 जिला संघों और 36 लाख से अधिक सदस्यों के नेटवर्क के जरिए रोज़ाना 250 लाख लीटर दूध की खरीद करता है. यह नेटवर्क गुजरात को देश का सर्वश्रेष्ठ दूध उत्पादक राज्य बनाने की दिशा में अग्रसर कर रहा है.

PACS से बदल रही गांवों की दिशा-दशा

वहीं, पीआईबी पर जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि सहकारिता मंत्रालय ने प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) को स्थानीय स्तर पर किसानों के लिए वन-स्टॉप सर्विस सेंटर बनाने की दिशा में कई कदम उठाए हैं. इन्हें पीएम-किसान, पीएम फसल बीमा, जन औषधि, सीएससी, पेट्रोल-डीजल आउटलेट और एलपीजी वितरण जैसी विभिन्न योजनाओं और सेवाओं से जोड़ा जा रहा है.

  • PACS को ERP-सक्षम प्लेटफॉर्म से जोड़कर राष्ट्रीय योजनाओं के साथ एकीकृत किया गया.
  • 36,592 PACS को प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र (PMKSK) में अपग्रेड किया गया.
  • 47,918 PACS अब कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के रूप में कार्यरत, ग्रामीणों को 300+ ई-सेवाएँ.
  • 762 PACS को जन औषधि केंद्र के लिए मंजूरी.
  • PACS को पेट्रोल/डीजल खुदरा आउटलेट और एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर बनने की अनुमति.
  • 539 PACS को ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं के O&M के लिए चुना गया.
  • PACS के जरिए 1,117 नए किसान उत्पादक संगठन (FPOs) पंजीकृत.
     

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