Rajasthan Assmebly Elections 2023: कांग्रेस 16 से निकाल रही ERCP यात्रा, जानें पूरा प्लान

Rajasthan Assmebly Elections 2023: कांग्रेस 16 से निकाल रही ERCP यात्रा, जानें पूरा प्लान

कांग्रेस पार्टी ईआरसीपी के मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाने की कोशिश कर रही है. इसके लिए 16 अक्टूबर को बारां में एक सभा होगी. इसे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे संबोधित करेंगे. बारां के बाद यह यात्रा हाड़ौती के कुछ और क्षेत्रों में भी जाएगी.

Rajasthan Assmebly Elections 2023: कांग्रेस 16 से निकाल रही ERCP यात्रा. GFX- Sandeep BhardwajRajasthan Assmebly Elections 2023: कांग्रेस 16 से निकाल रही ERCP यात्रा. GFX- Sandeep Bhardwaj
माधव शर्मा
  • Jaipur,
  • Oct 13, 2023,
  • Updated Oct 13, 2023, 5:26 PM IST

राजस्थान विधानसभा चुनावों में ईआरसीपी एक बड़ा मुद्दा बन रहा है. कांग्रेस इस मुद्दे को पूरी तरह भुनाने की कोशिश करती दिख रही है. क्योंकि बीते कुछ महीनों में भाजपा नेताओं का पूर्वी राजस्थान में ईआरसीपी को लेकर काफी विरोध हुआ था. अब कांग्रेस 16 अक्टूबर से ईआरसीपी यात्रा निकालने जा रही है. जिसकी शुरूआत पार्टी बारां जिले से करेगी. इसमें पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे आएंगे. कांग्रेस सभी प्रभावित 13 जिलों में यह यात्रा निकालेगी. मिली जानकारी के अनुसार 20 अक्टूबर को दौसा के सिकराय में प्रियंका गांधी भी आएंगी. यहां वे एक सभा को संबोधित करेंगी. 

पार्टी इन सभी 13 जिलों में कई छोटी-बड़ी सभाएं करेगी ताकि ईआरसीपी का मुद्दा चुनावों में एक भूमिका अदा कर सके. 

यह है ईआरसीपी का यात्रा प्लान

कांग्रेस पार्टी ईआरसीपी के मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाने की कोशिश कर रही है. इसके लिए 16 अक्टूबर को बारां में एक सभा होगी. इसे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे संबोधित करेंगे. बारां के बाद यह यात्रा हाड़ौती के कुछ और क्षेत्रों में भी जाएगी. वहीं, 20 अक्टूबर को दौसा के सिकराय में प्रियंका गांधी पहुंचेंगी. दौसा के बाद ईआरसीपी यात्रा पूर्वी राजस्थान के कई जिलों में जाएगी. 

विधानसभा चुनावों में बड़ा मुद्दा है ईआरसीपी

इसी साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों में ईआरसीपी एक बड़ा मुद्दा बनकर आ रहा है. क्योंकि इस योजना से प्रदेश की बड़ी आबादी प्रभावित है. इसीलिए यह पहली बार है कि किसानों का कोई प्रोजेक्ट चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है.

इसके अलावा कांग्रेस पार्टी की तरफ से एक संदेश जनता में लगातार दिया गया है कि केन्द्र सरकार जानबूझकर इसे अटका रही है. वहीं, कांग्रेस की गहलोत सरकार योजना को लेकर लगातार मोदी और जलशक्ति मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत पर हमलावर रहे हैं. साथ ही अपने स्तर पर भी करीब 14 हजार करोड़ रुपये परियोजना में दिए हैं. 

इसी की बानगी है कि पिछले दिनों गंगापुर सिटी आए गृहमंत्री अमित शाह की सभा में ईआरसीपी की मांग को लेकर झंडे-बैनर दिखाए गए. वहीं, इससे कुछ दिन पहले भी जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को करौली में युवा कांग्रेस के लोगों ने काले झंडे दिखाकर काफिला रोक लिया. 

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ये है पूर्वी राजस्थान में विधानसभा सीटों का गणित

पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) 20 जिलों में सिंचाई और पेयजल की योजना है. ये जिले भरतपुर, डीग, अलवर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर, दौसा, जयपुर, टोंक, बारां, बूंदी, कोटा, अजमेर और झालावाड़ हैं. इन जिलों में राजस्थान की कुल 200 में से आधी से कुछ कम यानी 83 विधानसभा सीटें आती हैं जिनकी करीब तीन करोड़ आबादी है. 

ये राजस्थान की कुल आबादी का 41.13 प्रतिशत है. ये जिले प्रदेश के हाड़ौती, मेवात, ढूंढाड़, मेरवाड़ा और ब्रज क्षेत्र में आते हैं.  2018 के विधानसभा चुनावों में 13 जिलों की 83 विधानसभा सीटों में से 61 फीसदी यानी 51 सीटें कांग्रेस ने जीती थीं. साथ ही कुछ और सीट पर उसके समर्थित निर्दलीय, बहुजन समाज पार्टी (BSP) और अन्य पार्टियों का कब्जा है. 

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वहीं, इन 13 जिलों में से सात जिलों में कांग्रेस बहुत अच्छी स्थिति में है. अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली, टोंक, सवाई माधोपुर, दौसा जिले में 39 विधानसभा सीट हैं. 2018 के विधानसभा चुनावों में पार्टी ने 25 सीट इन जिलों में जीती थी. बाकी पांच बीएसपी, चार निर्दलीय और एक आरएलडी के खाते में गई. 
 

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