इस साल देश के कई राज्यों में सामान्य से अधिक बारिश और बाढ़ का प्रकोप देखने को मिला है. इस बार देश के कई नदियां भी सालों बाद उफान में आई हैं. अब खबर भाखड़ा बांध के लेकर आई है जिसका जलस्तर बढ़कर 1,677 फीट हो गया है, जिसके बाद भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) की बीते दिनों हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि पानी का प्रवाह 5,000 क्यूसेक तक बढ़ाया जाए, जो खतरे के निशान के केवल तीन फीसदी नीचे है.
आप जानते होंगे कि बांध का पानी जब खतरे के निशान को पार कर जाता है तो उससे पानी छोड़ना जरूरी होता है. अभी तक भाखड़ा बांध से 40,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है. सूत्रों के अनुसार गुरुवार सुबह तक बांध में 54,000 क्यूसेक पानी का प्रवाह था. इस बीच, पौंग बांध का जलस्तर खतरे के निशान (1,390 फीट) से ऊपर बना हुआ है. सुबह बांध का जलस्तर 1,394.88 फीट था. जिसमें 37,248 क्यूसेक पानी का प्रवाह और 59,845 क्यूसेक पानी का आउट फ्लो था.
देश की कई नदियों में बाढ़ के हालात हैं. इसके अलावा ब्यास नदी में भी पानी का स्तर सामान्य से अधिक देखा गया है. उफनती ब्यास नदी ने पंजाब के कपूरथला के 100 से अधिक गांवों में तबाही मचा दी है. हजारों एकड़ फसलें जलमग्न हो गई हैं और करोड़ों रुपये की संपत्ति का नुकसान हो चुका है. इस साल अगस्त-सितंबर की अवधि के दौरान पौंग बांध में भारी जल प्रवाह देखा गया, जानकार बताते हैं कि इतना अधिक जलस्तर इससे पहले कभी नहीं देखा गया जो 2.25 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया साथ ही अतिरिक्त जल की निकासी के लिए कई दिनों तक जलनिकासी को 1 लाख क्यूसेक पर बनाए रखा गया.
इस साल भारी बारिश का असर देश के कई राज्यों में देखा गया जिसमें हिमाचल प्रदेश और पंजाब खास रहे. कई दशक के बाद पंजाब में भारी बाढ़ देखी गई. इसके कारण लाखों हेक्टेयर फसल की बर्बादी हुई. भाखड़ा डैम पंजाब-हिमाचल और हरियाणा में खेती के लिए बहुत फायदेमंद है. लेकिन आज भाखड़ा डैम भारी तबाही और जल प्रलय के लिए लबालब भरा है और उसका पानी निकाला जा रहा है.