Amul vs Nandini: कनार्टक में अमूल की एंट्री पर हंगामा... नंदि‍नी का भी गुजरात समेत कई राज्यों में 'साम्राज्य'

Amul vs Nandini: कनार्टक में अमूल की एंट्री पर हंगामा... नंदि‍नी का भी गुजरात समेत कई राज्यों में 'साम्राज्य'

अमूल मॉडल की तर्ज पर ही नंद‍िनी भी क‍िसानों को प्रोफ‍िट से लाभ देती है. नंद‍िनी 80 फीसदी पैसा क‍िसानों को लौटाती है, जबक‍ि अमूल 100 रुपये में 80.40 पैसे क‍िसानों को वाप‍िस लौटाता है.

कर्नाटक में अमूल की एंट्री को नंद‍िनी के अस्त‍ित्व के ल‍िए खतरा बताया जा रहा है- GFX Sandeep Bhardwaj
मनोज भट्ट
  • Noida,
  • Apr 13, 2023,
  • Updated Apr 14, 2023, 8:33 AM IST

अमूल देश का सबसे बड़ा दूध का ब्रांड है, जो इन द‍िनों कर्नाटक को लेकर चर्चा में है. असल में कर्नाटक में अमूल को लेकर हंगामा बरपा हुआ है.अमूल ने कर्नाटक में अपने ब्रांड उतारने को लेकर एक ट्वि‍ट क‍िया था. ज‍िसके बाद से अमूल का व‍िरोध शुरू हो गया है. कर्नाटक व‍िधानसभा चुनाव से पहले राज्य में अमूल की एंट्री के मामले ने राजनीत‍िक तूल ले ल‍िया है. कनार्टक के व‍िपक्षी दलोंं ने इसे अमूल VS न‍ंद‍िनी (कर्नाटक म‍िल्क फेडरेशन का ब्रांड ) की जंग बना द‍िया है.  मसलन, कर्नाटक में अमूल की एंट्री को नंद‍िनी के वजूद के ल‍िए खतरा बताया जा रहा है. साथ ही अमूल की एंट्री काे डेयरी कोऑपरेटि‍व के न‍ियमों के ख‍िलाफ भी कहा जा रहा है, लेक‍िन इस राजनीत‍िक नूरा-कुश्ती में पीछे सच ये है क‍ि नंद‍िनी का भी गुजरात समेत कई राज्यों में बड़ा साम्राज्य है, ज‍िसमें नंद‍िनी कई राज्यों में कारोबार कर करोड़ों रुपये कमा रहा है.

आइए अमूल vs नंद‍िनी की इस राजनीत‍िक जंग के बहाने समझते हैं क‍ि कर्नाटक म‍िल्क फेडरेशन के ब्रांड न‍ंद‍िनी का मॉडल क्या है. क्या नंद‍िनी का मॉडल अमूल से बेहतर है. क‍िन राज्यों में नंद‍िनी का साम्राज्य है, नंद‍िनी अन्य राज्यों में अपने ब्रांड बेचकर क‍ितना लाभ कमा रहा है.

अमूल मॉडल की तर्ज पर शुरू हुआ था नंद‍िनी 

कर्नाटक में अमूल की एंट्री का व‍िरोध बेहद ही हास्यास्पद है. सच ये है क‍ि अमूल मॉडल की तर्ज पर ही कर्नाटक म‍िल्क फेडरेशन का गठन क‍िया गया है. ज‍िसके नेतृत्व में नंद‍िनी ब्रांड बाजार में उतारा गया था. वहीं ये भी सच है क‍ि अमूल मॉडल का अनुकरण करते हुए ही नंद‍िनी ने देश का दूसरा सबसे बड़ा डेयरी कोऑपरेट‍िव बनने का सफर तय क‍िया है. इस तथ्य को कर्नाटक म‍िल्क फेडरेशन के पदाध‍िकारी भी स्वीकारते हैं. फेडरेशन के एक वर‍िष्ठ पदाधि‍कारी नाम प्रकाश‍ित ना करने की शर्त पर क‍िसान तक से बातचीत में कहते हैं क‍ि अमूल मॉडल पर ही नंद‍िनी काम करता है. हम अमूल मॉडल की तर्ज पर ही अपनी नीत‍ियों को बनाते हैं. ये कोई व‍िवाद नहीं है, इसे जबरदस्ती व‍िवाद बनाया जा रहा है.

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असल में अमूल मॉडल का ही देशभर में व‍िस्तार करने के ल‍िए एनडीडीबी का गठन क‍िया गया था. एनडीडीबी के नेतृत्व में 1975 में कर्नाटक डेयरी डेवलपमेंट कोऑपरेशन शुरू हुआ, जो 1984 में कर्नाटक कोऑपरेट‍िव म‍िल्क फेडरेशन के रूप में बदला, जि‍सके ब्रांड का नाम ही नंद‍िनी है. 

अमूल के तर्ज पर नंद‍िनी का मार्जि‍न मॉडल, सरकारी मदद लगाती है तड़का

अमूल मॉडल को जो सबसे अलग करता है, वो अमूल का मॉर्ज‍िन मॉडल है. दुन‍ियाभर में अमूल दूध उत्पादि‍त क‍िसानों को सबसे अध‍िक लाभ देने के ल‍िए जाना जाता है, ज‍िसमें अमूल क‍िसानों को 100 में से 82.40 फीसदी (100 रुपये में से 82.40 पैसा) वापि‍स लौटाता है. क‍िसानों को कमाई से मार्जि‍न देने संबंधी नंद‍िनी के मॉडल पर कर्नाटक म‍िल्क फेडरेशन के एक वरिष्ठ पदाधि‍कारी क‍िसान तक से बातचीत में कहते हैं क‍ि अमूल मॉडल की तर्ज पर ही नंद‍िनी भी क‍िसानों को लाभ देती है. नंद‍िनी 100 में से 80 फीसदी पैसा क‍िसानों को लौटाती है. मसलन, एक लीटर से अगर नंद‍िनी 100 रुपये कमा रहा है तो तो उसका 80 रुपये कि‍सानों तक पहुंचाए जाते हैं. साथ ही वह जोड़ते हैं क‍ि कर्नाटक सरकार फेडरेशन से जुड़े क‍िसानों को प्रत‍ि लीटर 5 रुपये की मदद अति‍र‍िक्त देती है. क‍िसानों के बैंक खातों में ये राश‍ि सीधे ट्रांसफर की जाती है. इस तरह अगर कि‍सानों को प्रत‍ि लीटर म‍िलने वाले लाभ की बात करें तो ये 92 फीसदी से अध‍िक हो जाता है. 

कर्नाटक म‍िल्क फेडरेशन का ब्रांड नंद‍िनी गुजरात समेत कई राज्यों में अपने प्रोडक्ट बेचता है-GFX Sandeep Bhardwaj

दूसरे राज्यों में रोजाना 7 लाख लीटर दूध-दही बेचता है नंद‍िनी 

कर्नाटक में अमूल की एंट्री को लेकर गत‍िराेध गहराया हुआ है, लेक‍िन इस बीच सच ये है क‍ि नंद‍िनी दूसरे राज्यों में प्रत‍िद‍िन 7 लाख लीटर दूध-दही बेचता है. ज‍िसमें मुंबई, हैदराबाद, चैन्नई, महाराष्ट्र के व‍िदर्भ, पुणे और गोवा में नंद‍िनी प्रत‍िद‍िन अपने ब्रांड से दूध और दही का स‍प्लाई करता है. इसके साथ ही नंद‍िनी कई अन्य राज्यों में घी, मक्खन, पनीर की आपूर्त‍ि भी करता है. ज‍िसमें गुजरात भी शाम‍िल है. नंद‍िनी के दूसरे राज्यों में साम्राराज्य को नीचे देख कर समझा जा सकता है. 

दूसरे राज्यों में 287 करोड़ का कारोबार     

अमूल की कर्नाटक मे एंट्री के व‍िरोध के बीच नंद‍िनी के अन्य राज्यों में कारोबार की बात करें तो नंद‍िनी का अन्य राज्यों में सालाना टर्नओवर 287 करोड़ रुपये का है. ज‍िसमें नंद‍िनी सबसे अध‍िक घी का कारोबार अन्य राज्यों में करता है. वहीं नंद‍िनी व‍िदेशों में भी अपने प्रोडक्ट सप्लाई करता है, ज‍िससे सालाना 100 करोड़ रुपये कमाता है. 

अन्य राज्यों में अपने प्रोडक्ट बेच कर करोड़ों रुपये कमाता है नंद‍िनी- GFX Sandeep Bhardwaj

अमूल और नंद‍िनी के बीच बेहतर र‍िश्ते: जयन मेहता

अमूल को लेकर गुजरात का राजनीत‍िक पारा गरमाया हुआ है. इसको लेकर क‍िसान तक ने अमूल के एमडी जयन मेहता से बातचीत की. उन्हाेंने इस पूरे मामले में क‍िसी भी तरह के व‍िवाद को खार‍िज क‍िया है. उन्होंने क‍िसान तक से बातचीत में कहा क‍ि अमूल और नंद‍िनी के बीच बेहतर र‍िश्ते हैं. दोनों ही कंपन‍ियों के अध‍िकार‍ियों के बीच बेहतर ढंग से बातचीत होती है. साथ ही उन्होंने कहा कर्नाटक में अमूल की मौजूदगी नई नहीं है. अमूल पहले ही गुजरात में अपने प्रोडक्ट बेच रहा है. 

तो ये है व‍िवाद की वजह !       

कर्नाटक में 10 मई को व‍िधानसभा चुनाव के ल‍िए मतदान प्रस्त‍ाव‍ित है. जहां बीजेपी पहले से ही सत्ता में है. वहीं अमूल, गुजरात डेयरी कोऑपरेटि‍व का ब्रांड है. ऐसे में गृहमंत्री और सहकार‍िता मंत्री अम‍ित शाह (गुजरात से न‍िर्वाच‍ित बीजेपी सांसद और सहकारी नेता) ने कर्नाटक में एक रैली को संबोध‍ित करते हुए नंद‍िनी और अमूल के एक साथ काम करने को लेकर कहा था, ज‍िसे कर्नाटक के व‍िपक्षी दल भुनाने पर जुटे हुए हैं. असल में कांग्रेस नेता और पूर्वमुख्यमंत्री सि‍द्धारमैया लंबे समय से कन्नड अस्म‍िता को लेकर राजनीत‍िक कर रहे हैं. ऐसे में अमूल बनाम नंद‍िनी की जंग का जन्म हुआ नजर आता है. 

     

 

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