भारत के आम का स्वाद दुनिया की जुबान पर छाया हुआ है. इससे देश के किसानों को अपनी उपज का अच्छा दाम भी मिल रहा है. वहीं, कई एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) और एफपीसी (किसान उत्पादक कंपनी) भी निर्यात में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं. ऐसी ही एक छलांग गुजरात के नवसारी में स्थित एक छोटे किसान-नेतृत्व वाली एफपीसी नवपूर्णा एफपीसी लिमिटेड ने लगाई है. नवपूर्णा एफपीसी ने संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) में ताजे केसर आमों का सफलतापूर्वक निर्यात कर एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है.
कंपनी ने अहमदाबाद एयर कार्गो कॉम्प्लेक्स के जरिए 16 अप्रैल 2025 को केसर आम की पहले भेजी, जो वैश्विक कृषि बाजारों में भारतीय एफपीओ की बढ़ती क्षमताओं की कहानी को बयां करती है. नवपूर्णा एफपीसी ने प्रीमियम क्वालिटी वाले केसर आमों के कुल 400 पीस (लगभग 1200 किलोग्राम) पैककर निर्यात किए. इनका फ्री ऑन बोर्ड (एफओबी) मूल्य 9,200 अमेरिकी डॉलर यानी 7.81 लाख रुपये के बराबर था. यह शिपमेंट अमेरिका के ह्यूस्टन, टेक्सास स्थित अमेरीस्टार ग्लोबल इंक को भेजा गया था, जो अमेरिका में एक प्रमुख डिस्ट्रीब्यूटर है.
वहीं, जून 2025 में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर और सीतापुर जिलों के आम किसानों ने मदर डेयरी और कंट्री डिलाइट को अपने एफपीओ- गंगोह एफपीसीएल, नकुर ऑर्गेनिक एफपीसीएल और ऐलिया अन्नदाता प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के माध्यम से 26 मीट्रिक टन से ज्यादा प्रीमियम आम किस्मों की सप्लाई की. इन किसान संगठनों और कंपनियों ने दशहरी, लंगड़ा और गुलाब जामुन आम किस्मों आपूर्ति की. इससे उन्होंने 6.06 लाख रुपये का करोबार किया.
इसमें ऐलिया एफपीसी ने कंट्री डिलाइट के साथ डील में सबसे उच्चतम मूल्य 37,000 रुपये/मीट्रिक टन हासिल किया. इस पहल से किसानाें को बेहतर सीधे खेत से बिक्री पर अच्छा मूल्य मिला और संस्थागत खरीदारों के साथ सीधे बाजार संपर्क बनाने में एफपीओ की क्षमता को भी प्रदर्शित किया. यह किसानों की आय को मजबूत करने और पारंपरिक मंडियों पर निर्भरता को कम करने की दिशा में एक कदम आगे है.
भारतभर में किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) मूल्यवर्धित आम उत्पादों में उतरकर और ओएनडीसी (डिजिटल कॉमर्स के लिए ओपन नेटवर्क) प्लेटफॉर्म के माध्यम से सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचकर आम मूल्य श्रृंखला को फिर से परिभाषित कर रहे हैं. आम पापड़ से लेकर आम के अचार तक और आम की जेली से लेकर आम के गुड़ के जूस तक, एफपीओ शहरी बाजारों में अपनी पैठ बनाने के लिए स्थानीय प्रसंस्करण, पारंपरिक व्यंजनों और ई-कॉमर्स का लाभ उठा रहे हैं. किसानों द्वारा बनाए और स्रोत पर पैक किए गए मैंगो स्क्वैश, पन्ना, सिरप, काजू जैम और पल्प जैसे उत्पाद अब ऑनलाइन उपलब्ध हैं और पूरे देश में फैल रहे हैं.
डिजिटलीकरण के साथ ये FPO सिर्फ आम नहीं बेच रहे हैं, बल्कि लचीलेपन, नवाचार और खेत से लेकर खाने तक के बदलाव की कहानी को ब्रांड कर रहे हैं. इस पहल का उद्येश्य- मूल्य संवर्धन के माध्यम से किसानों को अधिक कमाने के लिए सशक्त बनाना, खराब होने वाले आमों की कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करना, ग्रामीण उद्यमिता और महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों को बढ़ावा देना, स्थानीय स्वाद और कारीगर आम उत्पादों के लिए एक राष्ट्रीय पहचान बनाना है.