Agri Quiz: किस सब्जी की वैरायटी है पूसा ज्योति, क्या है इसकी खासियत और कैसे करें खेती

Agri Quiz: किस सब्जी की वैरायटी है पूसा ज्योति, क्या है इसकी खासियत और कैसे करें खेती

हरी सब्जी खाना सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है. इसलिए मार्केट में भी पूरे साल बाजार में हरी सब्जियों का डिमांड रहता है. ऐसे में आइए जानते हैं कि किस सब्जी की वैरायटी पूसा ज्योति है. इसकी उन्नत किस्मों के बारे में भी जान लेते हैं.

किस सब्जी की वैरायटी है पूसा ज्योतिकिस सब्जी की वैरायटी है पूसा ज्योति
संदीप कुमार
  • Noida,
  • Nov 30, 2024,
  • Updated Nov 30, 2024, 9:19 AM IST

सर्दियों की शुरुआत होते ही सब्जियों की ढेरों वैरायटी मिलने लगती हैं. वहीं, लोग स्वस्थ और तंदुरुस्त रहने के लिए कई अलग-अलग प्रकार की सब्जियां खाना पसंद करते हैं. इसलिए पूरे साल मार्केट में हरी सब्जियों की डिमांड बनी रहती है. खास बात यह है कि सभी सब्जियों की कई अलग-अलग किस्में भी होती है. ऐसी ही एक सब्जी है जिसकी वैरायटी का नाम पूसा ज्योति है. दरअसल, ये पालक की एक खास किस्म है. इसकी खेती के लिए दिसंबर का महीना बेस्ट माना जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं इसकी उन्नत किस्में कौन-कौन सी हैं और कैसे करें इसकी खेती.

ये हैं पालक की पांच उन्नत किस्में

पूसा ज्योति किस्म: यह पालक की एक महत्वपूर्ण और सबसे ज़्यादा चलने वाली किस्म है. इसके पत्ते बहुत मुलायम और बिना रेशे वाले होते हैं. इस किस्म को अगेती और पछेती,  जब चाहें  उगा सकते हैं. ये किस्म बुवाई के करीब 45 दिन के बाद तैयार हो जाती है. वहीं, इसकी लगभग 07 से 10 बार कटाई की जा सकती है. अधिक पैदावार वाली इस किस्म से लगभग 18 से 20 टन प्रति एकड़ उपज मिलती है.

ऑल ग्रीन किस्म: पालक की ऑल ग्रीन किस्म एक अधिक उपज देने वाली किस्म है. इसकी खेती सर्दी के मौसम में ज्यादा की जाती है. इस किस्म के पौधे एक समान हरे, आकार में चौड़े और मुलायम होते हैं. वहीं, ये किस्म बुवाई से करीब 35 से 40 दिनों में तैयार हो जाती है. इसके बाद लगभग 20 से 30 दिन के अंतराल पर इसके पत्ते कटाई के लिए तैयार हो जाते हैं. इस किस्म की 06 से 07 बार कटाई की जा सकती है.

जोबनेर ग्रीन किस्म: इस किस्म के सभी पत्ते एक समान हरे रंग के, मुलायम, बड़े और मोटे आकार के होते हैं. ये पत्ते पकने के बाद आसानी से गल जाते हैं. इसे क्षारीय भूमि में भी उगाया जा सकता है. बुवाई से करीब 40 दिन में ये किस्म तैयार हो जाती है. इस किस्म से लगभग 10 -12 टन प्रति एकड़ तक पैदावार मिलती है.

पूसा हरित किस्म: ये किस्म देश के मैदानी इलाकों के साथ-साथ पहाड़ी इलाकों में भी पूरे साल उगाई जा सकती है. इसके पत्ते गहरे हरे रंग और बड़े आकार के होते हैं. इसमें बीज बनाने वाले डंठल देर से निकलते हैं. इसलिए बुवाई के बाद कई बार इस किस्म की कटाई कर सकते हैं. वहीं, इसे तैयार होने में 35 से 40 दिन लगते हैं.

पंजाब ग्रीन किस्म: इस किस्म की खेती पंजाब और इसके आसपास के क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है. इस किस्म के पत्ते चमकीले हरे रंग के होते हैं. इस किस्म की 06 से 07 बार कटाई आसानी से की जा सकती है. ये किस्म अधिक पैदावार देने वाली किस्मों से एक है और लगभग 14 से 16 टन प्रति एकड़ पैदावार देती है.

जानिए कैसे करें पालक की खेती

भारत में पालक की खेती तीनों फसल चक्र यानी रबी, खरीफ और जायद में की जा सकती है. अच्छी जल निकासी वाली हल्की दोमट मिट्टी में पालक को अच्छी पैदावार मिलती है. पालक की उन्नत किस्मों को उगाने और अच्छी पैदावार को प्राप्त करने के लिए खेत की मिट्टी का भुरभुरा होना जरूरी है. जुताई के बाद खेत को कुछ समय के लिए ऐसे ही खुला छोड़ दें, जिससे खेत की मिट्टी में अच्छी तरह से धूप लग जाए. फिर पालक की बुवाई करें.

MORE NEWS

Read more!