'अब पंजाब के पास किसी राज्‍य के लिए एक्‍स्‍ट्रा पानी नहीं', सीएम मान ने केंद्र संग बैठक में उठाई बड़ी मांग

'अब पंजाब के पास किसी राज्‍य के लिए एक्‍स्‍ट्रा पानी नहीं', सीएम मान ने केंद्र संग बैठक में उठाई बड़ी मांग

पंजाब CM भगवंत मान ने SYL नहर मुद्दे पर कहा कि राज्य के पास दूसरों को देने के लिए एक बूंद भी अतिरिक्त पानी नहीं है. सिंधु नदी जल बंटवारे की दोबारा समीक्षा की मांग करते हुए उन्होंने YSL नहर और वैकल्पिक योजनाओं का प्रस्ताव रखा.

पंजाब CM भगवंत मान (फाइल फोटो)पंजाब CM भगवंत मान (फाइल फोटो)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jul 10, 2025,
  • Updated Jul 10, 2025, 1:43 PM IST

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बुधवार को केंद्र सरकार के साथ एक अहम बैठक में साफ रूप से कहा कि राज्य के पास किसी अन्य राज्य को देने के लिए एक बूंद भी अतिरिक्त पानी नहीं है. सिंधु नदी प्रणाली के पानी पर उन्होंने पंजाब की "वैध हिस्सेदारी" की मांग करते हुए मौजूदा जल बंटवारे पर फिर से विचार करने की जरूरत बताई. श्रम शक्ति भवन में सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर को लेकर हुई बैठक में भगवंत मान ने सुझाव दिया कि अब वक्त आ गया है, जब एसवाईएल की जगह यमुना-सतलुज लिंक (वाईएसएल) परियोजना पर विचार किया जाए. 

पंजाब का भूजल स्‍तर खतरनाक स्थिति में: मान

सीएम मान ने कहा कि पंजाब में भूजल का स्तर खतरनाक स्थिति में है और सतलुज जैसी नदियां लगभग सूख चुकी हैं. ऐसे में कृषि और सिंचाई जरूरतें पूरी करना भी कठिन हो रहा है. मान ने कहा कि पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि के निलंबन के बाद पंजाब को पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम, चिनाब) से ज्‍यादा पानी मिलने की संभावना है, जिसका राज्य को पूरा फायदा उठाना चाहिए. उन्होंने मांग की कि राज्य की जरूरतों को देखते हुए नदी जल की उपलब्धता का अंतरराष्ट्रीय मानकों के आधार पर दोबारा आकलन किया जाए.

नए बांध बनाने का दिया सुझाव

पंजाब सीएम ने बैठक में यह भी प्रस्ताव रखा कि जल संकट के समाधान के लिए हिमाचल प्रदेश में भाखड़ा और पौंग बांध के ऊपर नए स्टोरेज बांध बनाए जाएं. इससे न सिर्फ जल संग्रहण बढ़ेगा, बल्कि भविष्य में जल प्रबंधन भी बेहतर होगा. भगवंत मान ने कहा कि शारदा-यमुना लिंक परियोजना को प्राथमिकता देकर यमुना में अतिरिक्त पानी पहुंचाया जा सकता है, जिससे हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान की जरूरतें पूरी की जा सकती हैं.

एसवाईएल पंजाब के लिए भावनात्मक मुद्दा: सीएम

साथ ही चिनाब नदी के पानी को रोहतांग सुरंग के जरिए व्यास नदी में मोड़ा जाए तो एसवाईएल नहर की जरूरत ही खत्‍म हो सकती है. इस दौरान मान ने कहा कि एसवाईएल पंजाब के लिए एक "भावनात्मक मुद्दा" है और इसके लिए अब जमीन भी उपलब्ध नहीं है. मुख्यमंत्री ने यह मांग की है कि 1994 के यमुना जल समझौते की इस साल समीक्षा होनी चाहिए और पंजाब को भी यमुना जल आवंटन में भागीदार बनाया जाए.

पंजाब को मिले यमुना का पानी: मान

उन्होंने कहा कि 60 प्रतिशत अतिरिक्त जल में से एक बड़ा हिस्सा पंजाब को मिलना चाहिए. मान ने कहा कि तीन प्रमुख नदियों (रावी, ब्यास और सतलुज) के कुल 34.34 एमएएफ पानी में से पंजाब को केवल 14.22 एमएएफ पानी मिला है, जबकि बाकी 60 प्रतिशत पानी हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान को चला गया, जबकि ये नदियां इन राज्यों से होकर गुजरती भी नहीं हैं. (पीटीआई)

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