झांसी की रहने वाली कक्षा 10वीं की छात्रा जिया यादव का एशियन यूथ गेम्स के लिए भारतीय स्विमिंग टीम में चयन हुआ है. बहरीन में 23 से 27 अक्टूबर तक आयोजित होने वाली एशियन यूथ गेम्स में जिया ग्रुप ए कैटिगरी (15 से 17) वर्ष आयु वर्ग की 50 मीटर और 100 मीटर बैक स्ट्रोक स्पर्धा में भारत की तरफ से खेलेंगी. हाल ही में 15 वर्षीय जिया ने राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन कर भारतीय टीम में जगह बनाई है. जिया के पिता पेशे से किसान हैं.
उन्होंने बताया कि गत वर्षों में सब जूनियर और जूनियर वर्ग की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में कई स्वर्ण पदक की जीत कर बेटी भारतीय टीम में जगह बनाने में कामयाब हो सकी. इससे पूरे परिवार में उत्साह का माहौल है. 15 वर्षीय जिया यादव का तीसरे एशियन यूथ गेम्स चयन हुआ है, जिससे पूरे शहर खुशी की लहर है, बैक स्ट्रोक में महारथ रखने वाली जिया यादव ने बताया कि वह गरीब परिवार से आती हैं. उनके पिता विजय यादव किसानी और दूध डेरी का व्यवसाय कर परिवार का भरण-पोषण करते हैं.
जिया ने बताया कि जब वह 8 साल की थी, तब उनके पिता ने आत्मरक्षा के लिए स्विमिंग सीखने की सलाह दी थी. झांसी में 15 मीटर के स्विमिंग पूल से ही जिया ने तैराकी के सफर शुरूआत की और कुछ ही समय में ही राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में खेलने का अवसर मिला, जहां जिया ने पदक जीतकर सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया.
यह पहला मौका होगा जब वह अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में उत्तर प्रदेश टीम का प्रतिनिधित्व करेंगी. जिया ने बताया कि उत्तर प्रदेश स्विमिंग एसोसिएशन के सचिव शिवम कपूर ने मेरी प्रतिभा को देख कर नई दिल्ली में एस.एफ.आई. ग्लेनमार्क स्विमिंग अकादमी में ट्रेनिंग के लिए दाखिला कराया था.
जिया का कहना है कि देश के लिए खेलना हर खिलाड़ी का सपना होता है. जिया का सपना है कि अब है जल्द ही ओलिंपिक खेलने जाए और देश के लिए गोल्ड लेकर आए. उन्होंने अपने माता-पिता के साथ सभी अपने मार्गदर्शक शुभचिंतकों का भी आभार व्यक्त किया.
वहीं, जिया के माता-पिता ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह उनके और उनके परिवार के लिए गौरवान्वित करने का मौका है कि जब उनकी बेटी देश को प्रतिनिधित्व करने जा रहीं हैं. वह चाहते हैं कि जिया एशियन यूथ गेम्स में देश का परचम लहराते हुए नाम रोशन करें और फिर इसके बाद ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीत कर आएं.
जिया ने आगे कहा कि तैयारी अच्छी चल रही है और 13 जुलाई को मुझे भूटान निकालना है. मेरे साथ हमारे कोच भी वहां जाएंगे, जहां पर मैं प्रैक्टिस और हार्डवर्क करूंगी. मुझे उम्मीद है इससे मैं एशियन गेम में बेहतर प्रदर्शन कर सकूंगी. भारत का प्रतिनिधित्व करने पर मुझे गर्व महसूस हो रहा है. पूरे भारत से जूनियर एशियाई गेम में 14 खिलाड़ी भाग लेंगे, जिसमें लड़के और लड़कियां दोनों शामिल हैं.
मेरा पहला इतना बड़ा मौका है, जो मैं इतने बड़े गेम इवेंट में जा रही हूं. मेरे पिता ने आत्मरक्षा के लिए मुझे स्विमिंग सिखाई थी, लेकिन आज मैं इस मुकाम पर पहुंच गई हूं. जिसमें मेरे कोच, परिवार, सहित स्कूल ने भी काफी साथ दिया है. वहीं, जिया की मां रूप कुमारी ने कहा कि उन्हें बहुत खुशी हो रही है, आज हमारी बेटी भारत के अलावा विदेश में भी खेलेगी. मैं बता नहीं सकती, मुझे अंदर से कितनी खुशी है. (अजय झा की रिपोर्ट)