रबी सीजन के लिए किसान फसलों की बुवाई के लिए तैयारियों में जुटे हैं. इस बीच भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के सरसों रिसर्च केंद्र भरतपुर ने सरसों की नई किस्म भरतपुर सरसों 11 (Mustard BPM 11) पेश की है. ICAR ने रबी सीजन में इस किस्म की सरसों की बुवाई करने की सलाह दी है. क्योंकि, यह किस्म सफेद रतुआ रोग समेत समेत 4 फसल रोगों को पनपने नहीं देती है. इससे किसानों को कीट और रोग की रोकथाम में लगने वाली लागत बच जाती है. जबकि, यह किस्म बाकी सरसों किस्मों की तुलना में उपज भी ज्यादा देती है.
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के रेपसीड सरसों अनुसंधान निदेशालय भरतपुर केंद्र ने सरसों की भरतपुर सरसों 11 (Mustard BPM 11) किस्म को विकसित किया है, जिसे बीते अप्रैल महीने में उत्पादन के लिए मंजूरी दी गई है. यह किस्म पिछले सरसों की किस्मों की तुलना में उन्नत होने के साथ ही रोगों से लड़ने में सक्षम है और उपज भी ज्यादा देती है. ICAR का भरतपुर केंद्र सरसों की इस किस्म के बीज किसानों को उपलब्ध करा रहा है.
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के अनुसार भरतपुर सरसों 11 किस्म कृषि जलवायु परिस्थितियों के अनुकूल है और इसे खेती के लिए उपयुक्त बताया गया है. कहा गया है कि देर से बोई गई सिंचित स्थितियों के लिए भरतपुर सरसों 11 (Mustard BPM 11) किस्म उपयुक्त है. किसानों को सलाह दी गई है कि देरी की स्थिति में इस किस्म को बोकर बंपर उपज हासिल की जा सकती है.
आईसीएआर के कृषि एक्सपर्ट के अनुसार भरतपुर सरसों 11 (Mustard BPM 11) किस्म को राजस्थान में बुवाई के लिए सटीक बताया है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और बिहार के किसानों को भी इस किस्म की बुवाई करने की सलाह दी गई है. यह किस्म 123 दिन में तैयार हो जाती है और प्रति हेक्टेयर 19 क्विंटल तक की उपज देने में सक्षम है. जबकि, इस सरसों में तेल की मात्रा 37 फीसदी से अधिक रहती है.
ICAR- रेपसीड सरसों अनुसंधान निदेशालय भरतपुर के अनुसार भरतपुर सरसों 11 (Mustard BPM 11) किस्म सफेद रतुआ समेत 4 रोगों को पनपने नहीं देती है. यह किस्म सफेद रतुआ के अलावा अल्टरनेरिया पत्ती झुलसा रोग, डाउनी फफूंद रोग और पाउडरी फफूंद रोग से लड़ने में सक्षम है और इन्हें पनपने नहीं देती है. यह चारों रोग सरसों की खेती के लिए बेहद खतरनाक होते हैं. किसानों को इन रोगों से फसल को बचाने के लिए कई तरह के कीटनाशक और दवाओं का इस्तेमाल करना पड़ता है.