केंद्र सरकार ने गुरुवार को फॉस्फेटिक और पोटाश (पीएंडके) उर्वरकों के लिए 24,420 करोड़ की सब्सिडी को मंजूरी दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पीएंडके की सब्सिडी पर मुहर लगाई है. कहा जा रहा है कि अप्रैल से सितंबर तक चलने वाले 2024-25 खरीफ सीजन के दौरान किसानों को उर्वरक की खरीदारी पर सब्सिडी का लाभ मिलेगा. खास बात यह है कि इसमें किसानों की सहायता और तिलहन व दालों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए तीन नए ग्रेड भी जोड़े गए हैं.
वहीं, कैबिनेट बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि वैश्विक बाजार में उर्वरकों की बढ़ती कीमतों के बावजूद, हमने कीमतों को पिछले सीजन की तरह ही रखने का फैसला किया है. मंत्री ने कहा कि 2024 के खरीफ सीजन के लिए नाइट्रोजन (एन) पर सब्सिडी 47.02 रुपये प्रति किलोग्राम, फॉस्फेटिक (पी) पर 28.72 रुपये प्रति किलोग्राम, पोटाश (के) पर 2.38 रुपये प्रति किलोग्राम और सल्फर (एस) पर 1.89 रुपये प्रति किलोग्राम तय की गई है.
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उन्होंने कहा कि फॉस्फेटिक उर्वरकों पर सब्सिडी 2023 रबी सीजन के लिए 20.82 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़ाकर 2024 खरीफ सीजन के लिए 28.72 रुपये प्रति किलोग्राम कर दी गई है. हालांकि, 2024 खरीफ सीजन के लिए नाइट्रोजन (एन), पोटाश (के) और सल्फर (एस) पर सब्सिडी में कोई बदलाव नहीं किया गया है. डाय-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) पर सब्सिडी 4,500 रुपये प्रति टन पर जारी रहेगी.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डीएपी-आधारित उर्वरक के बैग अब 1350 रुपये में उपलब्ध होंगे, जबकि म्यूरेट ऑफ फॉस्फेट (एमओपी) उर्वरक की कीमत 1670 रुपये प्रति बैग होगी. इसी तरह एनपीके (नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम) का रेट 1,470 प्रति बैग में उपलब्ध होगा. 2023-24 खरीफ सीजन के लिए 38,000 करोड़ की सब्सिडी की घोषणा की गई थी. वित्तीय वर्ष 2024-25 (FY25) के लिए केंद्रीय बजट में उर्वरक सब्सिडी के लिए 1.64 ट्रिलियन रुपये आवंटित किया गया, जो वित्त वर्ष 24 के लिए आवंटित 1.88 ट्रिलियन रुपये के संशोधित अनुमान से कम है.
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अभी भारत यूरिया में आत्मनिर्भरता हासिल करने की ओर बढ़ रहा है, लेकिन यह अभी भी अपनी रॉक फॉस्फेट की मांग को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर है. रॉक फॉस्फेट डीएपी और एनपीके उर्वरकों के लिए प्रमुख कच्चा माल है. भारत म्यूरेट ऑफ पोटाश के लिए आयात पर निर्भर है और सालाना लगभग 5 मिलियन टन फॉस्फेट रॉक, 2.5 मिलियन टन फॉस्फोरिक एसिड और 3 मिलियन टन डीएपी का आयात करता है. डायमोनियम फॉस्फेट के मामले में, लगभग 60 प्रतिशत आपूर्ति आयात की जाती है. इसके अलावा, 25 प्रतिशत यूरिया और 15 प्रतिशत एनपीके उर्वरक आवश्यकताओं को आयात के माध्यम से पूरा किया जाता है.