UP Farmer Story: उत्तर प्रदेश में महिलाएं भी अब पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं. चाहें शिक्षा का क्षेत्र हो या खेती- किसानी का. आज हर क्षेत्र में महिलाएं नाम कमा रही हैं. ऐसे में आज हम एक ऐसी महिला के बारे में बात करेंगे, जो सब्जी की खेती से लाखों रुपये की कमाई कर रही हैं. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की युवा किसान अनुष्का जायसवाल ने पढ़ाई लिखाई के बाद नौकरी करने के बजाय खेती का रास्ता चुना. आज वह हर महीने 2 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई कर रही हैं. जबकि 20 से ज्यादा लोगों को रोजगार मुहैया करा रही है. 23 साल की उम्र में खेती की शुरुआत की और अब वह 27 साल की हैं. वह आज 45 लाख से ज्यादा का मुनाफा सालाना कमा रही हैं.
इंडिया टुडे के डिजिटल प्लेटफॉर्म किसान तक से खास बातचीत में अनुष्का ने बताया कि वर्ष 2021 में लखनऊ के मोहनलालगंज इलाके में स्थित सिसेंडी गांव में एक एकड़ खेत को लीज पर लेकर इसकी शुरुआत की थी. उस वक्त मेरी उम्र 23 साल की थी. दिल्ली के द हिंदू कॉलेज से इकोनॉमिक्स की पढ़ाई की. इस क्षेत्र में आगे नहीं बढ़ना चाहती थी इसलिए कुछ अलग करने का प्लान बनाया. उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से मदद के तौर पर 50 प्रतिशत सब्सिडी मिल गई और एक एकड़ में पॉली हाउस की शुरुआत की. अब 6 एकड़ जमीन और लेकर खेती कर रही हैं, जहां पर शिमला मिर्च, पत्ता गोभी, फूल गोभी के साथ ही तमाम सब्जियां हैं. इससे भी उन्हें काफी मुनाफा हो रहा है.
सफल महिला किसान अनुष्का जायसवाल बताती है कि जब उन्होंने इस क्षेत्र को चुना तो लोगों का कहना था कि कोई भी मुनाफा नहीं होगा. घाटे का सौदा है. लड़की होकर खेती कैसे करेगी. धूप में कैसे काम करेगी. मजदूरों के साथ कैसा व्यवहार कर पाएगी. तमाम तरह की बातें लोगों ने कहीं. इन सब के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और सिर्फ 4 साल में ही मेरी मेहनत रंग लाई और हम सालाना 45 लाख रुपये से ज्यादा का मुनाफा कमा रहे है.
डीयू से पासआट अनुष्का जायसवाल ने बताया कि लखनऊ की सभी मंडियों और कई बड़े शॉपिंग मॉल में भी उनके खेत पर उगी हुई सब्जियां जा रही है. इसलिए लगातार मुनाफा हो रहा है. परिवारिक इतिहास के बारे में अनुष्का ने बताया कि मेरे पिता व्यापार करते हैं और मां हाउसवाइफ हैं. जबकि मेरे भाई पायलट, बहन वकील हैं. भाभी सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं. उनके पास पुश्तैनी कुछ भी नहीं था क्योंकि परिवार का बैकग्राउंड किसान खेती का नहीं है. ऐसे में लीज पर पहले एक एकड़ जमीन ली. फिर तीन एकड़ ली. उसके बाद ट्रेनिंग लेकर खेती शुरुआत की. जिसके बाद अपने मजदूरों को भी ट्रेनिंग दी. ज्यादा से ज्यादा टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया.
उसी के जरिए इन्होंने समझा कि कम जमीन पर भी कैसे ज्यादा उत्पादन किया जा सकता है. आलम यह रहा कि एक एकड़ में ही इंग्लिश ककड़ी का 50 टन उत्पादन हुआ. जबकि लाल पीली बेल मिर्च 35 टन की फसल हुई. यही नहीं शिमला मिर्च का दाम मार्केट भी अच्छा चल रहा है. लखनऊ की सभी मंडियों और कई बड़े शॉपिंग मॉल में भी उनके खेत पर उगी हुई सब्जियों की बहुत ज्यादा डिमांड है. अब महिला किसान अनुष्का जायसवाल की चर्चा पूरे जिले में हो रही है. खास बात यह है कि यह महिला किसान जैविक विधि से हरी सब्जियों की खेती करती हैं.
प्रगतिशील किसान अनुष्का ने बताया कि उद्यान विभाग से पर ड्रॉप मोर क्राप के अंतर्गत 90 प्रतिशत की सब्सिडी मिली, जिससे सब्जियों की खेती करने में खर्चा काफी कम लगा और हम अपनी फसल पर ज्यादा ध्यान दे पा रही हूं.
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