भारत में धान की कई किस्मों का उत्पादन होता है. भारत का बासमती चावल दुनिया के कई देशों में अपनी पहचान बना चुका है, इसके गुणाें और स्वाद की वजह से बासमती चावल का अपना एक अलग बाजार है. लेकिन, वैश्विक स्तर पर इन दिनों गोल्डन चावल चर्चा का विषय बना हुआ है. इन दिनों फिलीपींस के किसान गोल्डन राइस की खेती कर रहे हैं, जिसे कई बीमारियों की दवा बताया जा रहा है. आइए जानते हैं क्या है गोल्डन राइस और क्यों फिलीपींस के किसानों के द्वारा बड़े पैमाने पर इसकी खेती की जा रही है.
सुनहरा चावल यानि गोल्डन चावल औरिजा सैटिवा चावल का एक खास किस्म है. इस चावल में बेटा-कैरोटिन और प्रो-विटामिन ए की भरपूर मात्रा पाई जाती है. ऐसे में इस चावल की खासियत को देखते हुए फिलीपींस के किसान बड़े पैमाने पर इसकी खेती करते नजर आ रहे हैं. इस साल अक्टूबर में लगभग 70 टन गोल्डन राइस की उपज हुई, जिससे किसान काफी खुश हैं. अक्टूबर में, एंटीक के फिलीपीन के किसानों ने पहली बार बीटा-कैरोटीन-वाले सुनहरे चावल की पर्याप्त मात्रा में कटाई की है. आकड़ों के मुताबिक 17 खेतों से कुल 67 टन गोल्डन राइस की उपज प्राप्त हुई है.
सूखे और पॉलिश चावल ना सिर्फ सेहत के लिए हानिकारक हैं बल्कि पॉलिश चावल के सेवन से कई अन्य बीमारियों का भी खतरा रहता है. गर्भवती महिलाओं के लिए पॉलिश चावल सबसे खतरनाक होता है. इसके सेवन से शरीर में विटामिन ए की कमी पाई जाती है. यह विशेष रूप से बच्चों को अंधा कर देता है. दुनिया भर में, कई सौ मिलियन बच्चों ऐसे हैं जो इस बीमारी के चपेट में हैं. वहीं गोल्डन राइस में विटामिन ए की भरपूर मात्रा पाई जाती है. जो शरीर में विटामिन ए की कमी को पूरा करता है.
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ETH ज्यूरिख के प्रोफेसर और गोल्डन राइस की खोज करने वाले एमेरिटस इंगो पोट्रीकस ने फिलीपींस में इसकी खेती को एक सफल खेती के रूप में देखा. यह चावल ना केवल खाने के लिए उपयोगी था बल्कि यह शरीर में विटामिन ए की कमी को भी पूरा करता है. जिस वजह से दशकों के बाद जब जेनेटिक इंजीनियरिंग का उपयोग विशेष रूप से व्यावसायिक कृषि के लिए किया गया है, एक प्रमुख स्वास्थ्य समस्या को हल करने के लिए इसका उपयोग करने वाली मानवीय परियोजना का पहला उदाहरण अब एक वास्तविकता बन रहा है. ऐसे में इसकी महत्व को समझते हुए अब फिलीपींस के किसान बड़े पैमाने पर इसकी खेती करते नजर आ रहे हैं.
गोल्डन राइस के महत्व को समझते हुए अब कई देशों में इस चावल के बुवाई की तैयारी की जा रही है. ऐसे में बांग्लादेश में भी इसकी खेती को लेकर पूरी तैयारी की जा चुकी है. बांग्लादेश GR2 बुवाई के लिए पूरी तरह तैयार है. लेकिन, देश के पर्यावरण मंत्री वैचारिक कारणों से इसे रोक रहे हैं. उम्मीद है कि फिलीपींस में गोल्डन राइस की सफलता की कहानी बांग्लादेश में पर्यावरण मंत्रालय में सुनी जाएगी.
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