मध्य प्रदेश के अशोकनगर से एक दिलचस्प खबर सामने आई है. यह खबर खाद की किल्लत को लेकर है. यहां खाद को लेकर हंगामा हो गया. इसकी खबर मिलते ही एसडीएम मौके पर पहुंचे और किसानों को शांत कराया. इसी बीच एक गुस्साए किसान को गले लगाकर उन्होंने जादू की झप्पी दी. बाद में वह किसान भी मान गया और नाराजगी दूर हो गई.
अब पूरा मामला जान लेते हैं. अशोकनगर में 700 मीट्रिक टन डीएपी की रैक बुधवार सुबह पहुंची. जैसे ही किसानों को डीएपी की रैक आने की सूचना मिली तो खाद गोदाम पर किसानों ने लंबी-लंबी लाइन लगा ली. गर्मी के कारण भले ही अगले 2 महीने तक जिले में किसी फसल की बुवाई नहीं होनी है, लेकिन डीएपी खाद जैसे ही गोदाम पर पहुंची तो वहां सीजन से ज्यादा भीड़ लग गई.
इसी दौरान विभाग ने 1000 किसानों को टोकन बांट दिए, लेकिन आधे ही किसानों को खाद बांटा जा सका और बाकी किसानों को अगले दिन खाद देने की बात कही गई. किसानों को 06 से 10 बोरी खाद प्रति टोकन दी गई, लेकिन अगले दिन किसानों को 03 बोरी ही खाद दी जाने लगी,जिससे किसान नाराज हो गए.
ये भी पढ़ें: बीज, गोदाम और भरोसा...सीता की धरती से किसानों के दिल की बात, शुरू हुआ 'कल्याण संवाद'
किसानों का आरोप था कि कल जिन किसानों को खाद दी गई उन्हें 6 बोली प्रति टोकन दिया गया, लेकिन हमें आज तीन ही बोरी दी जा रही है. इससे किसान नाराज हो गए और हंगामा करने लगे. किसानों के हंगामे की खबर जैसे ही प्रशासन को लगी तो मौके पर पुलिस बल सहित राजस्व अमला पहुंच गया जिसमें एसडीएम बृजबिहारी श्रीवास्तव भी पहुंचे.
किसानों को हंगामा करते देख उन्होंने किसानों को समझाने का प्रयास किया. वहीं जब एक किसान ज्यादा गुस्से में था तो एसडीएम ने उसे गले लगाकर शांत रहने का निवेदन किया. जैसे ही एसडीम ने किसान को गले लगाया तो वहां खड़े सभी किसानों के चेहरे से गुस्सा गायब हो गया और सबके चेहरे पर मुस्कान आ गई. इसके बाद किसानों का हंगामा शांत हुआ और एसडीएम के आश्वासन के बाद सभी किसान मान गए.
ये भी पढ़ें: तगड़ी कमाई का जरिया बना गोबर, पढ़िए मिर्जापुर की किसान कनक की कहानी
इस घटना को देखते हुए अधिकारी अचरज में हैं कि इतनी भीड़ एकदम कैसे आ गई. रबी सीजन की खेती से किसान अभी फ्री भी नहीं हुए. किसान मंडी में अनाज बेच ही रहे हैं और अगले दो महीने तक खेती का कोई सीजन भी नहीं है. मगर जैसे ही किसानों को खाद आने का पता चला तो इतनी गर्मी में भी खाद लेने बड़ी संख्या में पहुंच गए. किसानों का कहना है कि पिछली बार हम लोग काफी परेशान हुए थे, इसलिए इस बार पहले ही डीएपी खाद लेकर रखना चाहते हैं.(राहुल कुमार जैन की रिपोर्ट)