यूरिया खाद को लेकर सैकड़ों किसानों का फूटा गुस्सा, हाइवे पर किया चक्काजाम

यूरिया खाद को लेकर सैकड़ों किसानों का फूटा गुस्सा, हाइवे पर किया चक्काजाम

खरीफ से पहले किसान खाद के लिए लंबी लाइनों में लग रहे हैं. किसानों का आरोप है कि उन्हें समय पर खाद नहीं मिल रही जिससे उनकी खेती पिछड़ रही है. खरगोन में भी ऐसा ही मामला हुआ जब किसानों को खाद नहीं मिली तो उन्होंने हाइवे जाम कर दिया.

fertilizer distributed under police protectionfertilizer distributed under police protection
उमेश रेवलिया
  • khargone,
  • Jul 09, 2025,
  • Updated Jul 09, 2025, 8:37 PM IST

मध्य प्रदेश के खरगोन में यूरिया खाद को लेकर सैकड़ों किसानो का गुस्सा फूट गया. यहां नाराजगी में किसानों ने चित्तौड़गढ़-भुसावल स्टेट हाइवे पर चक्काजाम कर दिया. हालत ये हो गई कि इस जाम को खुलाने में अधिकारियों के पसीने छूट गए. पर्याप्त खाद नहीं मिलने से किसानों की फसल खराब हो रही है जिसे लेकर किसानों में भारी रोष है. बुधवार को 12 से 15 घंटे विपणन केंद्र के बाहर परिवार सहित लाइन में लगने के बावजूद किसानों को खाद नहीं मिला तो गुस्साए सैकड़ों किसान सड़क पर बैठ गए.

इसके बाद खरगोन मुख्यालय पर यूरिया खाद संकट को लेकर किसानों ने बिस्टान नाका क्षेत्र में चक्काजाम किया. टोकन वाले किसानों को भी खाद नहीं मिलने से 300 से ज्यादा आदिवासी क्षेत्र के किसान भुसावल चित्तौड़गढ़ राजमार्ग पर धरने पर बैठ गए. सूचना मिलने पर खरगोन कोतवाली पुलिस, कृषि अफसर और खरगोन SDM पहुंचे. उन्हें समझाइश दी. बताया गया कि 13 जुलाई को रैक पहुंचने पर खाद मिलेगा. इसके बाद ही किसान मान पाए और धरना खत्म किया.

खाद की कमी से किसानों में गुस्सा

मुख्यालय पर एक सप्ताह से खाद की कमी बनी हुई है. टोकन देकर खाद का वितरण हो रहा है. किसान 2 से 3 दिन जूझ रहे हैं. पहले टोकन फिर खाद वितरण की कतार में परेशान हो रहे हैं. बुधवार को खंडवा से यूरिया खाद का रैक नहीं पहुंचा. टोकन वाले 200 से ज्यादा किसान कतार में रास्ता देखते परेशान हो गए. इसके अलावा सुबह से भी काफी किसान खाद लेने पहुंचे थे. किसान खाद के खिलाफ आंदोलन में शामिल हो गए. नारेबाजी के साथ हाईवे को रोक दिया. 

इसके बाद हाइवे पर दोनों तरफ वाहनों की कतार लग गई. मौके पर खरगोन एसडीएम बीएस कलेश, उपसंचालक कृषि शिव सिंह राजपूत, कोतवाली पुलिस एसआई राजेंद्र सिरसाठ, तहसीलदार दिनेश सोनारटिया पहुंचे. किसानों को समझाइश दी. इसी के साथ किसान फसलों के लिए खाद की मांग पर अड़ गए. उन्होंने बाजार में महंगा खाद मिलने के भी आरोप लगाए. जिले में यूरिया के 75 हजार टन खाद की मांग की गई थी. डिमांड के मुताबिक लगभग 45 हजार टन उपलब्ध हुआ है. फिलहाल खरीफ फसल बढ़वार पर है इसलिए खाद की ज्यादा मांग है.

कई इलाकों में खाद के लिए मारामारी

मध्य प्रदेश के कुछ और इलाकों से भी इस तरह की खबरें आ रही हैं जहां किसानों को खाद के लिए जूझना पड़ रहा है. खरीफ सीजन की बुआई के वक्त खाद की कमी किसानों के लिए चिंता की बात हो गई है. किसानों ने सरकार से आग्रह किया है कि जल्द इस मामले को सुलझाया जाए.

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