बरसात का मौसम आते ही किसान दलहनी की मुख्य फसल उदड़ की खेती में जुट गए हैं. बता दें कि दलहनी फसलों के उत्पादन से किसानों को पैदावार भी अच्छी मिलती है और उनका मुनाफा अधिक भी होता है. ऐसे में अगर किसान उड़द की खेती करते हैं तो उनके लिए यह फायदे का सौदा हो सकता है. लेकिन किसानों के लिए जरूरी है कि उड़द की खेती करते समय वे अच्छी किस्मों का चुनाव करें. जो कि कम समय और लागत में अच्छा फायदा दें. ऐसे में अगर आप भी इस बरसात उड़द की खेती करना चाहते हैं तो राष्ट्रीय बीज निगम ऑनलाइन बीज बेच रहा है. इस बीज को खरीदकर आप उड़द की खेती कर सकते हैं. आइए जानते हैं आखिर ये बीज आपको मिलेगा कैसे.
किसान अब बाजार की मांग को देखते हुए धान-गेहूं के अलावा दलहनी फसलों की खेती भी बड़े पैमाने पर करने लगे हैं. इसके लिए सरकार भी किसानों को प्रोत्साहित कर रही है. इसलिए किसान बड़े स्तर पर उड़द की खेती कर रहे हैं. ऐसे में किसानों की सुविधा के लिए राष्ट्रीय बीज निगम ऑनलाइन उड़द का बीज बेच रहा है. इस बीज को आप एनएससी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद कर बंपर कमाई कर सकते हैं. साथ ही इसे ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर भी मंगवा सकते हैं. बता दें कि उड़द की खेती बरसात के महीने यानी खरीफ सीजन में की जाती है.
यह उड़द की ऐसी किस्म है जिसकी खेती भारत में रबी और खरीफ दोनों सीजनों में की जा सकती है. इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि यह येलो मोजेक, लीफ स्पॉट और पाउडरी मिल्ड्यू जैसे रोगों के प्रतिरोधी है. इसकी फसल खरीफ सीजन में 80 से 90 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. बात करें इसकी पैदावार की तो प्रति हेक्टेयर फसल से किसान लगभग 10 से 15 क्विंटल उपज कर सकते हैं. साथ ही ये उड़द की जल्दी तैयार होने वाली किस्मों में से एक है. इसकी फसल कम पानी वाले इलाके और ज्यादा पानी वाले इलाके दोनों में की जा सकती है. इस किस्म में ज्यादा फलियां होती हैं. साथ ही यह एक हाई क्वालिटी दाल है जिसका स्वाद और रंग अनोखा होता है.
अगर आप भी इस किस्म की खेती करना चाहते हैं तो इस बीज का 5 किलो का पैकेट आपको फिलहाल 16 फीसदी की छूट के साथ मात्र 866 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर मिल जाएगा. साथ ही इस बीच को खरीदने पर एक जैकेट भी फ्री में मिलेगा. बता दें कि ये ऑफर मात्र 13 जुलाई तक ही है. ऐसे में इस बीज को खरीद कर आप उड़द की खेती कर सकते हैं.
उड़द की बुवाई के लिए हल्की रेतीली, दोमट या मध्यम प्रकार की मिट्टी जिसमें पानी का निकास अच्छा हो, उसे अधिक उपयुक्त माना जाता है. वहीं, इसकी खेती के लिए बारिश के शुरू होने के बाद दो- तीन बार हल या बखर चलाकर खेत को समतल करें. साथ ही उड़द की बुवाई के लिए लाइन से लाइन की दूरी 30 सेंटीमीटर होनी चाहिए. वहीं, पौधों से पौधों की दूरी 10 सेंटीमीटर रखनी चाहिए. बीज को भी कम से कम 4 से 6 सेंटीमीटर की गहराई पर बोएं. खेत में बुवाई के समय अगर नमी न हो तो एक सिंचाई कर दें. वहीं, नींदानाशक बासालिन 800 मिली. से 1000 मिली. प्रति एकड़ 250 लीटर पानी में घोल बनाकर बुवाई के पहले खेत में छिड़कने से अच्छे परिणाम मिलते हैं.