Fertilizer Crisis: खाद न मिलने पर सड़क पर बैठे सैकड़ों नाराज किसान, 1 हफ्ते से हो रही दिक्कत

Fertilizer Crisis: खाद न मिलने पर सड़क पर बैठे सैकड़ों नाराज किसान, 1 हफ्ते से हो रही दिक्कत

मध्य प्रदेश के खरगौन जिले में यूरिया खाद की भारी कमी से किसान परेशान हैं. टोकन के बाद भी खाद नहीं मिलने से सैकड़ों किसानों ने भुसावल-चित्तौड़गढ़ हाईवे पर चक्काजाम किया. जानिए पूरी खबर.

Farmers sit on strike due to shortage of fertilizersFarmers sit on strike due to shortage of fertilizers
उमेश रेवलिया
  • Khargone,
  • Jul 10, 2025,
  • Updated Jul 10, 2025, 11:53 AM IST

मध्य प्रदेश के खरगौन में यूरिया खाद को लेकर सैकड़ों किसान भड़क गए और चित्तौड़गढ़-भुसावल स्टेट हाईवे पर जाम लगा दिया. जाम खुलवाने में अधिकारियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. पर्याप्त खाद न मिलने से किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं. विपणन केंद्र के बाहर 12 से 15 घंटे तक अपने परिवार के साथ लाइन में खड़े रहने के बावजूद खाद न मिलने पर सैकड़ों नाराज किसान सड़क पर बैठ गए.

खाद न मिलने से धरने पर बैठे किसान

खरगौन मुख्यालय पर यूरिया खाद संकट को लेकर बिस्टान नाका क्षेत्र में किसानों ने सड़क जाम कर दी. टोकन वाले किसानों को भी खाद नहीं मिलने पर 300 से अधिक आदिवासी किसान भुसावल चित्तौड़गढ़ हाईवे पर धरने पर बैठ गए. सूचना मिलने पर खरगौन कोतवाली पुलिस, कृषि अधिकारी और खरगौन एसडीएम वहां पहुंचे. उन्हें समझाइश दी गई. 13 जुलाई को रैक आने पर खाद उपलब्ध हो सकेगी. मुख्यालय पर एक सप्ताह से खाद की किल्लत है. टोकन देकर खाद बांटी जा रही है. किसान 2 से 3 दिन से जूझ रहे हैं. पहले टोकन और फिर खाद वितरण के लिए कतार में परेशान हो रहे हैं. बुधवार को खंडवा से यूरिया खाद की रैक नहीं आई. 

खाद की कमी से परेशान किसान

टोकन वाले 200 से अधिक किसान कतार में रास्ता देखकर परेशान हुए. इसके अलावा कई किसान सुबह से ही खाद लेने आ गए थे. किसान आंदोलन में शामिल हुए. नारेबाजी के साथ हाईवे जाम कर दिया गया. दोनों तरफ वाहनों की कतार लग गई. खरगौन एसडीएम बीएस कलेश, कृषि उपसंचालक शिव सिंह राजपूत, कोतवाली पुलिस के एसआई राजेंद्र सिरसट, तहसीलदार दिनेश सोनरतिया मौके पर पहुँचे. किसानों को समझाइश दी गई. उन्होंने फसलों के लिए खाद की माँग पर ज़ोर दिया. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बाज़ार में खाद ऊँचे दामों पर मिल रही है. ज़िले में 75 हज़ार टन यूरिया खाद की माँग की गई थी. माँग के अनुसार लगभग 45 हज़ार टन उपलब्ध हो पाया है. इस समय खरीफ की फसल पूरे शबाब पर है, इसलिए खाद की माँग ज़्यादा है.

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