मध्य प्रदेश के कई जिलों में इन दिनों किसान खाद की किल्लत की समस्या का सामना कर रहे हैं. ऐसा ही मामला अब अनूपपुर में भी देखने को मिला. जहां जिले के पुष्पराजगढ़ तहसील में खाद की भारी किल्लत से परेशान किसानों का गुस्सा गुरुवार को तब फूट पड़ा, जब कई दिनों के बाद भी उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा. इसके बाद सैकड़ों किसानों ने करौंदी तिराहे पर चक्का जाम कर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. किसानों ने आरोप लगाया कि वे पिछले 15 दिनों से हर दिन खाद के लिए लाइन में लग रहे हैं, लेकिन उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ रहा है. इस दौरान प्रदर्शन में किसानों के समर्थन में कांग्रेस विधायक फुंदेलाल सिंह मार्को भी धरने पर बैठ गए.
विधायक ने कहा कि जब तक किसानों को खाद नहीं मिलेगी, वे धरनास्थल पर ही रहेंगे. विधायक ने शासन-प्रशासन पर निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों को जरूरी संसाधन उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है, लेकिन यहां हालात बहुत खराब हैं. वहीं, किसानों ने चेतावनी दी कि अगर जल्द खाद की सप्लाई शुरू नहीं की गई तो वे आंदोलन तेज करेंगे. विरोध-प्रदर्शन के दौरान सड़क पर यातायात प्रभावित हुआ और स्थानीय प्रशासन एक्टिव हो गया. धरने पर बैठे किसानों और विधायक के समर्थकों ने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और कृषि विभाग पर भी हमला बोला.
अनूपनुर इकलौता जिला नहीं है, जहां किसानों को खाद के लिए लंबी कतारों में लगकर दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हो. ऐसे मामले खरगोन और नर्मदापुरम में भी देखने को मिले हैं. यहां तक कि कई दिनों पहले खरगोन जिले के एक खाद बिक्री केंद्र पर एसडीएम को खुद मोर्चा संभालना पड़ा था. कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम केंद्र पहुंचे थे और नाराज लोगों को समझाया. इसके बाद खाद का वितरण हुआ. वहीं, नर्मदापुरम में तो किसानों को खाद के इंतजार में गंदे फर्श तक पर बैठना पड़ा. इसके अलावा मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बुरहानपुर में भी खाद की किल्लत की समस्या की बात कही जा रही है.
किसानों ने कहा कि उन्हें कई दिनाें के खाद नहीं मिली. वे लगातार केंद्र पर जा रहे हैं, लेकिन खाद उपलब्ध नहीं है. इस समय खरीफ की बुवाई का समय चल रहा है और सीजन की सबसे ज्यादा बुवाई इसी महीने में होती है. लेकिन, किसानों को खाद की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. अगर ऐसे ही चलता रहा तो कई किसानों को नुकसान उठाना पड़ेगा. साथ ही इससे सरकार के कृषि उत्पादन के लक्ष्य पर भी असर पड़ने की संभावना है.