मॉनसून के मौसम में बोई गई कपास (नरमा) की फसल के लिए किसानों को जरूरी डीएपी (डाइ-अमोनियम फॉस्फेट) उर्वरक की भारी कमी ने सिरसा ज़िले के किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. डीएपी उर्वरक की कमी से किसान अपनी फसल की देखभाल सही तरीके से नहीं कर पा रहे हैं, जिससे कृषि संकट उत्पन्न हो गया है.
किसानों को मिलने वाले उर्वरक की कमी के बीच बड़े व्यापारी गोदामों में उर्वरक जमा कर रहे हैं और उसे महंगे दामों पर बेच रहे हैं. इससे किसानों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. निजी जमाखोरी की वजह से किसान बेहद परेशान हैं और उनकी आवाज़ सुनी नहीं जा रही.
सिरसा शहर के जनता भवन रोड पर स्थित उर्वरक वितरण केंद्र पर भारी भीड़ और तनाव की स्थिति बन गई. किसान घंटों कतार में खड़े रहे, लेकिन उर्वरक नहीं मिल पाने की वजह से कई बार हाथापाई तक हो गई. पुलिस को बुलाकर ही स्थिति को नियंत्रण में लाया जा सका.
स्थानीय किसान देवेंद्र सिंह ने कहा कि किसान हाशिए पर धकेले जा रहे हैं. वे घंटों लाइन में खड़े रहते हैं लेकिन फिर भी कई बार खाली हाथ लौटते हैं. बड़े व्यापारी खाद जमा कर महंगे दाम पर बेच रहे हैं, जो एक प्रकार का दिनदहाड़े लूट है.
गुड़िया खेड़ा गाँव के बिक्री केंद्र पर भी मात्र 250 बोरी डीएपी उपलब्ध थी, जो मांग से बहुत कम थी. किसानों को केवल दो-दो बोरी दी गईं, लेकिन कई किसान फिर भी खाली हाथ लौट गए.
सिरसा के इफको ज़िला प्रबंधक साहिल ने बताया कि आखिरी बड़ी डीएपी खेप अप्रैल में आई थी और तब से कोई नई खेप नहीं मिली है. उन्होंने और आपूर्ति की मांग की है, लेकिन अभी तक कमी दूर नहीं हुई.
गुड़िया खेड़ा के सरपंच प्रतिनिधि आत्मा राम भाटिया ने प्रशासन की आपूर्ति व्यवस्था की कड़ी आलोचना की और कहा कि किसान कई हफ्तों से परेशान हैं.
बढ़ती शिकायतों और अशांति को देखते हुए जिला प्रशासन ने जमाखोरी और अवैध बिक्री के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का ऐलान किया है. दोषी डीलरों के लाइसेंस रद्द किए जा सकते हैं और उन पर जुर्माना भी लगाया जाएगा. प्रशासन ने यह भी कहा कि कुछ डीलर किसानों को उर्वरक के साथ कीटनाशक और अन्य उत्पाद खरीदने के लिए मजबूर कर रहे हैं, जो नियमों के खिलाफ है.
अब जिला प्रशासन ने पूरे जिले में निरीक्षण दल तैनात कर उर्वरक वितरण की निगरानी शुरू कर दी है. अवैध बंडलिंग को रोकने और उचित दाम सुनिश्चित करने के लिए जांच जारी है. जांच पूरी होने के बाद दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
खरीफ फसलों की बुवाई का सीजन शुरू होते ही चरखी दादरी के किसानों में डीएपी खाद के लिए मारामारी की स्थिति बन गई है. डीएपी खाद के लिए महिलाओं को सुबह-सुबह किसानों के साथ कतारों में खड़ा होना पड़ रहा है. वहीं, पुलिस की मौजूदगी में किसानों को खाद वितरित की जा रही है. किसानों का कहना है कि खाद के लिए सुबह-सुबह घंटों लाइन में खड़े होने के बाद भी उन्हें डीएसपी खाद नहीं मिल पा रही है. बता दें कि धान के अलावा बाजरा, ज्वार समेत अन्य फसलों की बुवाई का सीजन शुरू हो गया है. ऐसे में किसान अपनी फसलों के लिए डीएपी खाद के लिए केंद्रों पर पहुंच रहे हैं. इसके बावजूद खाद न मिलने से किसान भी अपनी फसलों को लेकर चिंतित हैं. किसानों के साथ-साथ महिलाएं भी खाद के लिए सुबह-सुबह लाइनों में लगने को मजबूर हैं.
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