देसी अंडा खरीदने से पहले ऐसे करें पहचान, नहीं खाएंगे धोखा

देसी अंडा खरीदने से पहले ऐसे करें पहचान, नहीं खाएंगे धोखा

संडे हो या मंडे रोज खाओ अंडे यह स्लोगन दशकों से पूरी दुनिया में प्रचलित है.अंडा प्रोटीन का एक अच्छा और सस्ता स्रोत माना जाता है.इसके सेवन से हमारे शरीर में प्रोटीन और कई पोषक तत्वों की कमी नहीं होती है. बाजार में अंडा खरीदने के दौरान हमारे मन में अक्सर यह भ्रम होता है कि सफेद अंडा बेहतर है या देसी अंडा

देशी अंडा देशी अंडा
धर्मेंद्र सिंह
  • lucknow ,
  • Jan 02, 2023,
  • Updated Jan 02, 2023, 2:19 PM IST

संडे हो या मंडे रोज खाओ अंडे. यह स्लोगन दशकों से देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में प्रचलित है.अंडा प्रोटीन का एक अच्छा और सस्ता स्रोत माना जाता है. इसके सेवन से हमारे शरीर में प्रोटीन और कई पोषक तत्वों की कमी नहीं होती है. लेकिन जब भी हम बाजार में अंडा खरीदने जाते हैं, तो हमारे मन में अक्सर यह भ्रम होता है कि सफेद अंडा बेहतर है या देसी अंडा. सफेद अंडे को पोल्ट्री अंडा भी कहते हैं, जबकि ब्राउन अंडे में प्रोटीन के साथ-साथ कैल्शियम और कैलोरी की मात्रा मौजूद होती है जो सेहत के लिए काफी ज्यादा उपयोगी है. हालांकि बाजार में बिकने वाला ब्राउन अंडा अलग-अलग रंग का होता है जो भ्रम पैदा करता है. इसलिए आज हम देसी अंडे की पहचान बताने जा रहे हैं जिसके माध्यम से आप भी बड़ी ही आसानी से इनकी पहचान कर सकते हैं.

प्रोटीन और कैल्शियम से भरपूर है देसी अंडा

पोल्ट्री अंडा और ब्राउन अंडा दोनों ही बाजार में बड़ी आसानी से उपलब्ध हैं. ब्राउन अंडा ज्यादा पौष्टिक माना जाता है. चिकित्सकों के द्वारा देसी अंडा खाने की सलाह दी जाती है. इसमें प्रोटीन के साथ-साथ कैल्शियम की भरपूर मात्रा होती है. वही कैलोरी की मात्रा भी इसमें पाई जाती है. जबकि पोल्ट्री अड्डे में ब्राउन अंडे के मुकाबले प्रोटीन की मात्रा कम होती है.

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ऐसे करें देसी अंडे की पहचान

बाजार में बिकने वाला हर ब्राउन अंडा देसी अड्डा नहीं होता है. देसी अंडा बाजार में काफी महंगा रहता है. इस वजह से इसकी डिमांड भी ज्यादा होती है. हालांकि, कुछ दुकानदार पोल्ट्री अंडे को ही चायपत्ती के पानी से कलर करके देसी अंडे के रूप में बेच देते हैं. इसलिए इन आसान तरीकों से आप देसी अंडे को पहचान सकते हैं-

•    देसी अंडा सफेद पोल्ट्री अंडों से आकार में छोटा होता है.
•    देसी अंडे की स्किन मुलायम होती है.
•    बाजार में बिकने वाले देसी अंडे को सूंघ कर भी पहचाना जा सकता है. अगर अंडो में चाय पत्ती की खुशबू आए तो समझ लें कि यह मिलावटी अंडा है.
•    देसी अंडे की पहचान करने के लिए स्किन पर नींबू का रस डालें. अगर यह पोल्ट्री अंडा होगा तो चायपत्ती का रंग आसानी से उतर जाएगा.
•    देसी अंडे को हाथ से हिलाने पर किसी तरह की आवाज नहीं आती है, जबकि नकली अंडे को हाथ में लेकर हिलाने से अंदर किसी चीज के हिलने की आवाज आती है.

डॉक्टरों का कहना है कि अगर मुर्गी की ठीक से देखभाल की जाए तो देसी या बायलर, दोनों ही मुर्गियों के अंडे फायदेमंद होते हैं. दोनों ही अंडों में विटामिन ए, विटामिन B12, विटामिन डी, विटामिन ई, फोलेट, सेलेनियम, कोलीन जैसे खनिज पाए जाते हैं और ये स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं.

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