त्रिपुरा के अनानास किसानों की बल्ले-बल्ले! राज्‍य सरकार आय बढ़ाने के लिए उठाएगी यह कदम

त्रिपुरा के अनानास किसानों की बल्ले-बल्ले! राज्‍य सरकार आय बढ़ाने के लिए उठाएगी यह कदम

Tripura Fruit Processing Plant: त्रिपुरा सरकार पीपीपी मॉडल के तहत नलकाटा में नया फल प्रसंस्करण केंद्र बनाएगी. मंत्री रतन लाल नाथ ने बताया कि अनानास की खेती व निर्यात को बढ़ावा देने के लिए राज्य 132 करोड़ की योजना पर काम कर रहा है, जिससे किसानों की आय बढ़ेगी.

Tripura PineappleTripura Pineapple
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jul 16, 2025,
  • Updated Jul 16, 2025, 6:25 PM IST

त्रिपुरा सरकार राज्‍य के अनानास उत्पादक किसानों की आय बढ़ाने के लिए एक बड़ा कदम उठाने  जा रही है. प्रदेश के कृषि और किसान कल्याण मंत्री रतन लाल नाथ ने जानकारी दी कि राज्य सरकार सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत नलकाटा में एक नया फ्रूट प्रोसेस‍िंग सेंटर बनाने की योजना बना रही है. मंत्री रतन लाल नाथ ने कुमारघाट स्थित गीतांजलि सभागार में अनानास महोत्सव को संबोधित करने के दौरान यह बात कही. नाथ ने अनानास की खेती और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया.

राज्‍य ने 73.15 मीट्रिक टन अनानास निर्यात किया

उन्होंने बताया कि 2018 से 2025 तक, राज्य ने दुबई, ओमान और कतर सहित देशों को 73.15 मीट्रिक टन (एमटी) अनानास का सफलतापूर्वक निर्यात किया है. नाथ ने कहा कि हमारी सरकार ने क्वीन अनानास को राज्य फल घोषित किया है. इसे पहले से ही भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग प्राप्त है, जो इसके दोहराव को रोकता है. हमारा लक्ष्य उत्पादन का विस्तार करना और इस जैविक उत्पाद के लिए एक मजबूत बाजार तैयार करना है. 

उन्होंने आगे कहा कि अनानास महोत्सव जैसे आयोजन किसानों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खरीदारों से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. राज्य की प्रगति पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि अनानास की कीमत 2018 में 8-9 रुपये से बढ़कर वर्तमान में लगभग 40 रुपये या उससे अधिक हो गई है, जो किसानों की आय में उल्लेखनीय सुधार दर्शाता है.

लोकल उत्‍पादों को GI टैग दिलाने की कोशिश

मंत्री ने बताया कि वर्तमान में त्रिपुरा में 3.65 लाख कनी (क्षेत्रफल की एक स्थानीय इकाई) भूमि पर फलों की खेती होती है, जिसमें से 74,000 कनी अनानास के लिए समर्पित है. इनमें से नई किस्म की खेती धलाई, उनाकोटी और उत्तरी त्रिपुरा जिलों में 53,700 कनी भूमि पर की जाती है, जबकि क्वीन अनानास 22,000 कनी भूमि पर उगाया जाता है.

उन्होंने यह भी घोषणा की कि सिडोल शुटकी फर्मेंटेड मछली) और साबरी केला जैसे अन्य स्थानीय उत्पादों के लिए जीआई टैग हासिल करने के प्रयास जारी हैं, जिससे क्षेत्र की कृषि प्रोफाइल में और सुधार होगा. मंत्री नाथ ने आगे कहा कि अनानास के अलावा, त्रिपुरा ने अमेरिका को 4.40 मीट्रिक टन कटहल, 30 मीट्रिक टन अदरक और 17 मीट्रिक टन पान के पत्ते बांग्लादेश को निर्यात किए हैं.

क्वीन अनानास को बड़ा ब्रांड बनाने पर फोकस

सरकार, केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (डोनर) के सहयोग से, क्वीन अनानास को वैश्विक स्तर पर ब्रांड बनाने के लिए 132 करोड़ रुपये की योजना पर भी काम कर रही है. उन्होंने कहा, "हमने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बैठकें की हैं और त्रिपुरा को वैश्विक अनानास बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी बनाने के प्रयास जारी हैं."

महोत्सव में मौजूद मंत्री सुधांशु दास ने किसानों के कल्याण को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के निरंतर प्रयासों की तारीफ की. उन्होंने राज्य में कृषि विकास को गति देने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री माणिक साहा की लीडरशिप को सराहा. दास ने कहा, "अनानास महोत्सव हमारी सरकार की किसान समुदाय के प्रति गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है. सशक्त नेतृत्व में, बाज़ार पहुंच में सुधार और किसानों की आय बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की गई हैं."

इस अवसर पर मंत्रियों और विधायक भगवान दास सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने कुमारघाट स्थित एक स्थानीय अनानास प्रसंस्करण केंद्र का भी दौरा किया. ऐसी पहलों के साथ, त्रिपुरा फल निर्यात बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करने और अपने किसानों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए तत्पर है. (एएनआई)

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