2030 तक भारत बनेगा कपास का ग्लोबल सुपरपावर, अकोला मॉडल देशभर में होगा लागू

2030 तक भारत बनेगा कपास का ग्लोबल सुपरपावर, अकोला मॉडल देशभर में होगा लागू

अकोला जिले के किसान दिलीप ठाकरे ने हाई डेंसिटी कपास खेती (HDPS) की एक नई पद्धति अपनाई, जिससे कम लागत में ज़्यादा उत्पादन मिला. इस पद्धति में ज़्यादा पौधे लगाए जाते हैं, जिससे कीट कम लगते हैं और सिंचाई भी कम करनी पड़ती है. इस मॉडल से छोटे किसानों को ज़्यादा आमदनी मिलती है. अब यह "अकोला मॉडल" पूरे भारत में लागू किया जाएगा, जिससे भारत 2030 तक कपास का आत्मनिर्भर और निर्यातक देश बन सकेगा.

कपास की खेतीकपास की खेती
धनंजय साबले
  • Akola,
  • Jul 16, 2025,
  • Updated Jul 16, 2025, 7:26 PM IST

भारत में कपास की खेती में क्रांति का समय आ गया है. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अकोला के किसान दिलीप ठाकरे की नई उच्च घनत्व विधि से कपास की उत्पादकता बढ़ाकर किसानों में नई उम्मीद जगाई है. यह कोई दिखावा नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय नीति की नींव है. 'अकोला मॉडल' अब पूरे देश में लागू होगा. यह सिर्फ़ खेती का एक तरीका नहीं, बल्कि भारत को कपास उत्पादन में आत्मनिर्भर और विश्व में अग्रणी बनाने की दिशा है. आजतक की टीम आपको सीधे उस ज़मीन पर ले जा रही है जहाँ से इस बदलाव की शुरुआत हुई थी.

"हम इस समय अकोला जिले के मालवाड़ा गाँव में हैं, जहाँ उच्च घनत्व वाली कपास की खेती का मॉडल विकसित किया गया, जिसने देश के कृषि मंत्रालय को भी प्रभावित किया. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद किसान दिलीप ठाकरे की इस तकनीक को समझने के बाद समझा कि यह मॉडल कम लागत में ज़्यादा उत्पादन देता है."

2030 तक बंद होगा कपास का आयात!

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोयंबटूर में कहा, "हमने तय किया है कि दिलीप ठाकरे का यह तरीका अब पूरे भारत में अपनाया जाएगा. इससे भारत 2030 तक कपास का आयात बंद कर निर्यातक देश बन सकता है. यह मॉडल छोटे किसानों के लिए गेमचेंजर है."

भारत बनाम दुनिया में कपास अंतर

देशप्रति एकड़ उत्पादनफसल अवधिपौधे/हेक्टेयर
ब्राज़ील20 क्विंटल120 दिन 1,11,000+
चीन18 क्विंटल120 दिन1,00,000+
अमेरिका19 क्विंटल120 दिन1,20,000
भारत4-5 क्विंटल180 दिन10,000–18,000

डॉ. पंजाबराव देशमुख कृषि विश्वविद्यालय, अकोला के कुलपति डॉ. शरद गडक ने कहा, "भारत में कपास का उत्पादन दुनिया की तुलना में बहुत कम है. इसका कारण पौधों की कम संख्या, लंबी फसल अवधि और वैज्ञानिक तकनीकों की अनुपलब्धता है. यदि उच्च घनत्व वाली बुवाई को सही ढंग से लागू किया जाए, तो हम आसानी से 20 क्विंटल प्रति एकड़ का लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं."

फसल बुवाई का तरीका

इसी संदर्भ में, हमारे संवाददाता धनंजय साबले ने ग्राउंड ज़ीरो पर जाकर एचडीपीएस अपनाने वाले किसान दिलीप ठाकरे से बात की और सरल और सीधी भाषा में जाना कि यह फसल कैसे बोई जाती है और दो पेड़ों के बीच कितनी दूरी होनी चाहिए. "पहले हमने दो एकड़ में ट्रायल किया, फिर इसे 10 एकड़ में अपनाया. इसमें कीट कम लगे, सिंचाई कम हुई, उत्पादन बढ़ा और मेहनत भी कम लगी. किसानों के लिए यह बिल्कुल नया तरीका है."

कोयंबटूर कॉन्फ्रेंस से विशेष

11 जुलाई को कोयंबटूर में आयोजित कपास उत्पादकता बैठक में केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह, महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे, वैज्ञानिक, महाराष्ट्र के सभी कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपति और देश भर के किसान प्रतिनिधि मौजूद थे. इस मंच से कई बड़ी घोषणाएं की गईं -

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का बड़ा ऐलान

  • 2030 तक कपास आयात पूरी तरह बंद करने का लक्ष्य
  • अकोला HDPS मॉडल को राष्ट्रीय रूप में लागू करने की योजना
  • HTBT बीज की वैधता पर पर्यावरण मंत्रालय से चर्चा जारी
  • ICAR और बीज कंपनियों को HDPS अनुकूल किस्मों पर तेज़ शोध के निर्देश
  • AI आधारित फेरोमोन ट्रैप से गुलाबी बॉलवर्म नियंत्रण की योजना
  • प्रयोगशाला से खेत तक मॉडल को सरकार देगी प्राथमिकता
  • छोटे किसानों के लिए मशीनरी और टेक्नोलॉजी की आसान पहुंच
  • फर्जी बीजों पर रोक के लिए सख्त नियमन लागू किए जाएंगे

"अकोला की धरती से उठी एक आवाज़ अब राष्ट्रीय नीति का रूप ले चुकी है. उच्च घनत्व वाली कपास की खेती सिर्फ़ एक मॉडल नहीं है-यह भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है. किसानों की बेहतर आय, वैश्विक प्रतिस्पर्धा में देश को बढ़त-यह अकोला का विज़न है और अब पूरा भारत इसी दिशा में आगे बढ़ रहा है."

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