पके गेहूं की खड़ी फसल गिर जाए तो क्या करें, नुकसान कैसे कम करें किसान

पके गेहूं की खड़ी फसल गिर जाए तो क्या करें, नुकसान कैसे कम करें किसान

गेहूं की फसल की मार्च के अंतिम सप्ताह से अप्रैल महीने में कटाई शुरू हो जाती है. ऐसे में कई बार वेस्टर्न डिस्टरबेंस की वजह से बारिश और तेज हवा के कारण फसल खेतों में गिर जाती है. इससे फसल और उपज के सड़ने का डर होता है.

पके गेहूं की खड़ी फसल गिर जाए तो क्या करेंपके गेहूं की खड़ी फसल गिर जाए तो क्या करें
संदीप कुमार
  • Noida,
  • Feb 08, 2024,
  • Updated Feb 08, 2024, 10:37 PM IST

रबी की प्रमुख फसल गेहूं में अब बालियां आनी शुरू हो गई हैं. गेहूं की खेती भारत के लगभग सभी राज्यों में की जाती है. ऐसे में कई बार पके गेहूं की खड़ी फसल खेतों में ही गिर जाती है. इससे फसलों को काफी नुकसान होता है. साथ ही कई बार अलग-अलग राज्यों में बारिश और ओलावृष्टि से भी गेहूं की फसल खेतों में गिर जाती है, जिसका सीधा असर गेहूं की क्वालिटी पर पड़ता है. साथ ही इस गेहूं को समेटने और इसकी कटाई के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है. इससे किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है, ऐसे में किसान कुछ बातों का ध्यान रखकर अपनी फसलों को नुकसान होने से बचा सकते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कैसे अपनी फसल को नुकसान होने से बचा सकते हैं.

किन कारणों से गिर जाती है फसल

गेहूं की फसल की मार्च के अंतिम सप्ताह से अप्रैल महीने में कटाई शुरू हो जाती है. ऐसे में कई बार वेस्टर्न डिस्टरबेंस की वजह से बारिश और तेज हवा के कारण फसल खेतों में गिर जाती है. इससे फसल और उपज के सड़ने का डर होता है, जिससे किसानों और पशुपालकों को भूसे के लिए गेहूं का पौधा उपयुक्त तौर पर नहीं मिल पाता है. वहीं भारी बारिश हो जाने की वजह से पूरे पौधे में सीलन आ जाती है और पौधा सड़ने और गलने लगता है.

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पानी घुसने से दाना खराब होने का डर

गेहूं की फसल जब तैयार हो जाती है और बारिश हो जाती है तो कई बार देखा जाता है कि पानी घुसने से दाने खराब हो जाते हैं. वहीं पानी के असर से गेहूं के दाने की क्वालिटी भी खराब हो जाती है, इससे किसानों को फसलों का उचित दाम नहीं मिलता है.

फसल को कंबाइन से नहीं काट सकते

बारिश और तेज हवा से गिरी हुई गेहूं की फसल को कंबाइन से काटना शुरू में मुश्किल होता है. ऐसे में किसानों को अपनी फसलों को काटने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है. किसानों को कंबाइन के बजाय उपाय के तौर पर हाथ से फसल काटनी पड़ती है. इसमें अधिक मजदूर और खर्च लगता है. साथ ही ऐसी स्थिति में किसानों को भूसा नहीं मिल पाता है क्योंकि किसान सिर्फ बालियों को ही काट पाते हैं.

बारिश में फसल अगर गिर जाए तो उसे बचाने का सबसे सही तरीका यही है कि कंबाइन से उसे न काटें क्योंकि पूरी उपज बर्बाद हो जाएगी. ऐसे समय में किसानों को सलाह दी जाती है कि वे हाथ से फसल की कटाई करें. ज्यादा अच्छा रहेगा अगर बालियों को ही काटा जाए क्योंकि ठंडल सड़ा रहता है जो कि दाने को भी खराब कर सकता है. गेहूं की कटाई करने के बाद उसे ठीक से सुखा लेना चाहिए क्योंकि इससे नमी की मात्रा कम हो जाएगी और उसे बेचने या खाने में सुविधा रहेगी. 

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