फसलों की उपज बढ़ाने के लिए बाजार में कई तरह की खादें मौजूद हैं. इनमें रासायनिक से लेकर जैविक खाद का नाम सबसे प्रमुख है. लेकिन क्या आपको पता है कि रासायनिक खाद हमारी सेहत पर कितना बुरा असर डालती हैं? इसके साथ ही मिट्टी की सेहत भी बहुत प्रभावित होती है. ऐसे में हमें जैविक खाद अपनाने की सलाह दी जाती है. किसानों को बताया जाता है कि जैविक खाद क्यों और कैसे रासायनिक खाद से बेहतर है. यह भी बताया जाता है कि जैविक खाद में कितना कम खर्च है और उपज कितना अधिक तक पाया जा सकता है.
हम यहां आपको बताने जा रहे हैं कि इन दोनों खादों में क्या अंतर है. आप इस अंतर को पढ़कर खुद की निर्णय कर लेंगे कि खेत में जैविक खाद डालें या रासायनिक खाद. हम यहां जैविक खाद के तौर पर केंचुआ खाद की बात करेंगे.
बात करें केंचुआ खाद की तो ये अधिक किफायती और सस्ती होती है. साथ ही इसे आप आसानी से तैयार कर सकते हैं. वहीं रासायनिक खाद काफी महंगी होती है और इसे आसानी से बनाया भी नहीं जा सकता है. केंचुआ खाद जमीन की उर्वरक शक्ति को बढ़ाती है. साथ ही रासायनिक खादों के निरंतर उपयोग से जमीन की उर्वरा शक्ति घटती है. केंचुआ खाद से जल, जमीन और वातावरण काफी शुद्ध होता है. इसके अलावा रासायनिक खाद के प्रयोग से जल, जमीन और वातावरण प्रदूषित होता है.
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केंचुआ खाद के इस्तेमाल ले फसलों में दवाइयों और कीटनाशकों का प्रयोग कम करना होता है. साथ ही रासायनिक खाद के इस्तेमाल से फसलों में दवाइयों और कीटनाशकों का प्रयोग बढ़ जाता है. वहीं केंचुआ खाद के इस्तेमाल से फसल की शुद्धता और स्वाद बेहतर होता है. इसके अलावा रासायनिक खाद के उपयोग से फसल दूषित, जहरीली और बेस्वाद और क्वालिटी में कम होता है.
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