अगर आप भी हर दिन ताजे और हेल्दी केले की तलाश में बाजार का चक्कर लगाते हैं, तो अब बाजार जाना छोड़ दिजिए. ऐसा इसलिए क्योंकि केले के पौधे को घर पर भी उगाया जा सकता है, जो स्वाद, सेहत और सजावट तीनों का खजाना है. केला एक ऐसा फल है जो हर मौसम में खाया जाता है और हर उम्र के लोगों इसे खाना पसंद करते हैं. अच्छी बात ये है कि केले का पेड़ लगाने के लिए न बड़े बगीचे की जरूरत है, न भारी-भरकम मेहनत की. बस थोड़ी-सी जगह, जरा सा देखभाल और थोड़ी समझदारी और तैयार हो जाएगा आपका खुद का 'केला का गार्डन'. ऐसे में आइए जानते हैं घर में केले का पेड़ कैसे लगाएं और इसकी देखरेख के आसान तरीके क्या हैं.
केले का पौधा गर्म और अधिक नमी वाले जलवायु में सबसे अच्छी तरह उगता है. इसे अप्रैल से अगस्त के बीच लगाया जाए तो बेहतर फल मिलते हैं. वहीं, मॉनसून का समय भी केले का पौधा लगाने के लिए आदर्श माना जाता है. बता दें कि केले का पौधा तेज धूप में तेजी से बढ़ता है. इसे कम से कम दिन में 6-8 घंटे सूरज की रोशनी मिलनी चाहिए. अगर आप इसे गमले में उगा रहे हैं तो उसे ऐसी जगह रखें जहां पर्याप्त धूप आती हो.
केले के लिए दोमट या बलुई मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है. मिट्टी में पानी का निकास अच्छा होना चाहिए. आप इसमें गोबर की खाद, वर्मी कम्पोस्ट और थोड़ी रेत मिलाकर इसकी उपज बढ़ा सकते हैं. केले का पौधा नर्सरी से लाकर या कलमी से लगाया जाता है. ऐसे में अगर आप गमले में केले का पौधा लगा रहे हैं तो उसके लिए बड़ा सा गमला लें और उसमें मिट्टी और वर्मी कंपोस्ट डालकर पौधा लगा लें. वहीं, आप अगर केले के पौधे को घर के बगीचे में लगाना चाहते हैं तो 2x2 फीट का गड्ढा खोदें, उसमें जैविक खाद डालें और पौधे को अच्छी तरह लगा लें. लगाने के बाद तुरंत पानी दें.
केले के पेड़ को नियमित पानी देने की जरूरत होती है, खासकर गर्मियों में. लेकिन बारिश के मौसम में पानी जमा न हो, इसका ध्यान रखना जरूरी होता है. इसके अलावा पौधों के चारों ओर खरपतवार को समय-समय पर साफ करते रहें. साथ ही पौधे में हर महीने एक बार गोबर की खाद या नाइट्रोजन युक्त जैविक खाद देते रहें. इससे इसकी ग्रोथ और फलों की क्वालिटी बेहतर होती है. केले के पौधे में लगभग 9-12 महीने में फूल आ जाते हैं और उसके बाद 2-3 महीने में फल पकने लगते हैं.