एक जर्मन प्रोफेसर Rainer Hedrich ने करेंट बायोलॉजी जनरल में छपी अपनी थीसिस में दावा किया है कि पेड़ पौधों को कम से कम पांच तक की गिनती आती है. यानी पेड़ पौधों के पास भले ही दिमाग ना हो, वो एक-दो से पांच तक का मतलब बखूबी जानते हैं. प्रोफेसर हेडरिक ने यह बात वीनस फ्लाईट्रैप और मांसभक्षी पौधों पर शोध के जरिए साबित करने की कोशिश की है. इस शोध की रिपोर्ट ने सबको हैरत में डाल दिया है क्योंकि गिनती जानने या पढ़ने का तजुर्बा इंसानों का ही बताया जाता है. लेकिन यहां तो पौधे भी इस मामले में बाजी मारते दिख रहे हैं.
रेनर हेडरिक का शोध बताता है कि कार्नीवोरस प्लांट (मांसभक्षी) पर जब भी कीड़े-मकोड़े बैठते हैं, तो वो उनकी गिनती करता है और इस बात का हिसाब रखता है कि उसने दिनभर में कितने कीड़े-मकोड़े खा लिए. रिसर्चर्स की टीम ने इसे समझने के लिए वीनस फ्लाईट्रैप पर इलेक्ट्रिक पल्सेज छोड़े, ताकि उसे लगे कि उसका शिकार उसकी चंगुल में आ चुका है. ऐसा पांच बार करने के बाद वीनस फ्लाईट्रैप ने खाना को पचाने वाले एंजाइम छोड़े, मानो उसका डिनर पूरा हो चुका है.
रिसर्च में बताया गया कि मीट खाने वाला फ्लाईट्रैप पौधा कम से कम एक से पांच तक की गिनती जरूर कर सकता है. इसमें किसी को संशय या दुविधा नहीं होनी चाहिए. इस पौधे का बॉटेनिकल नाम Dionaea muscipula है. इसे वीनस फ्लाईट्रैप के नाम से भी जाना जाता है. यह पौधा इस बात की गिनती करता है कि किसी कीट ने उसे कितनी बार टच किया है. इसी गिनती के आधार पर फ्लाईट्रैप कीटों को निशाना बनाता है और आहार के तौर पर इस्तेमाल करता है.
प्रोफेसर हेडरिक और उनकी टीम ने इस रिपोर्ट की तस्दीक के लिए मशीन का सहारा लिया. मशीन के जरिये सिमुलेशन पैदा कर फ्लाईट्रैप की प्रतिक्रिया देखी गई. यह देखा गया कि गिनती के आधार पर फ्लाईट्रैप अपना किस तरह प्रहार करता है और कीटों को अपना निवाला बनाता है. दरअसल, मशीन से इलेक्ट्रिक पल्स पैदा की गई जिस पल्स ने फ्लाईट्रैप को यह अहसास दिलाया कि उस पर कोई कीट बैठा हुआ है. रिसर्च में पता चला कि हर पल्स पर फ्लाईट्रैप ने अपना रेस्पोंस दिया.
पहली पल्स को फ्लाईट्रैप ने 'रेडी टू गो' मोड में लिया. दूसरी पल्स पड़ते ही फ्लाईट्रैप ने पल्स के आसपास अपना प्रभाव बनाना शुरू किया. तीसरी पल्स पर फ्लाईट्रैप ने उसे जकड़ लिया. चौथी पल्स में पौधे ने फीडिंग प्रोसेस से जुड़ा हॉर्मोन रिलीज किया. पांचवीं पल्स में पौधे के ग्लैंड ने पाचक एंजाइम छोड़े. फ्लाईट्रैप ने अपने ट्रांसपोर्टर से पोषक तत्व लेने की कोशिश की. अगर पल्स की जगह पर कोई कीट होता तो फ्लाईट्रैप उसे आसानी से चट कर जाता.