Wilt Disease: टमाटर की फसल में ना लग जाए विल्ट रोग, पहले ही जान लें लक्षण और बचाव के तरीके

Wilt Disease: टमाटर की फसल में ना लग जाए विल्ट रोग, पहले ही जान लें लक्षण और बचाव के तरीके

भारत में टमाटर किसानों के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है विल्ट रोग. यह टमाटर की फसल को शुरुआती स्टेज से लेकर फल बनने तक प्रभावित कर सकता है और समय पर नियंत्रण न होने पर पूरी फसल को बर्बाद कर देता है.

Tomato wilt DiseaseTomato wilt Disease
क‍िसान तक
  • नोएडा,
  • Oct 01, 2025,
  • Updated Oct 01, 2025, 7:26 AM IST

टमाटर की फसल एक नकदी फसल है जो किसानों को अच्छी पैदावार और मुनाफा देती है. मगर टमाटर किसानों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन रहा है विल्ट रोग. यह एक खतरनाक रोग है जो टमाटर की फसल को शुरुआती स्टेज से लेकर फल बनने तक प्रभावित कर सकता है. अगर इस रोग का समय पर उपचार ना किया गया तो विल्ट रोग टमाटर की पूरी फसल को बर्बाद कर देता है. यही वजह है कि अगर आप टमाटर की फसल लगा रहे हैं तो इस रोग की पहचान, इसके कारण और सही नियंत्रण उपायों की जानकारी होना बेहद जरूरी है, ताकि फसल को नुकसान से बचा सकें.

विल्ट रोग की करें पहचान

  • अगर आपको इसकी पहचान करनी है तो टमाटर के पौधों को ध्यान से देखें. 
  • विल्ट रोग से प्रभावित पौधे अचानक मुरझाने लगते हैं. 
  • यहां तक कि पानी देने के बाद भी उनकी हालत नहीं सुधरती. 
  • पौधों की पत्तियां धीरे-धीरे पीली होकर सूखने लगती हैं और बढ़वार रुक जाती है. 
  • अगर पौधे के तने को बीच से काटेंगें तो अंदर भूरे रंग की धारियां या धब्बे जैसे दिखाई देंगे.
  • किसानों को अगर टमाटर की फसल में ये लक्षण दिख रहे हैं तो समझ जाएं कि विल्ट रोग लग चुका है.

क्यों और कैसे फैलता है ये रोग

कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि टमाटर में विल्ट रोग लगने का प्रमुख कारण फंगस जैसे Fusarium oxysporum या बैक्टीरिया Ralstonia है. ये फंगस या बैक्टीरिया मिट्टी के सहारे, दूषित पानी या फिर संक्रमित पौधों के जरिए पूरी फसल में तेजी से फैल जाते हैं. इसे अगर गर्म और नमी वाली परिस्थितियां मिल जाएं तो यह रोग और अधिक सक्रिय हो जाता है. इसका एक बड़ा कारण ये भी हो सकता है कि लगातार एक ही खेत में आप टमाटर या अन्य सोलनैशियस फसलें लगा रहे हैं, तो भी विल्ट रोग के होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं.

जैविक तरीके से रोकें विल्ट रोग

  • अगर टमाटर की फसल को बचाना है तो किसान सबसे पहले तो रोग-रोधी किस्मों की बुवाई करें. 
  • उदाहरण के लिए HT-22 किस्म विल्ट रोग के प्रति काफी हद तक प्रतिरोधक बताई जाती है. 
  • इसके साथ ही आप खेत में ट्राइकोडर्मा जैसे बायो-एजेंट का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. 
  • चाहें तो नीम का तेल या नीम आधारित कीटनाशक का छिड़काव रोग की शुरुआती स्टेज में कारगर रहेगा. 
  • फसल चक्र अपनाना और हर बार टमाटर की फसल अलग जमीन पर लगाने से इस रोग से काभी हद तक बचा जा सकता है. 

रासायनिक उपाय से करें नियंत्रण

  • जैविक तरीके से विल्ट रोग ना रोक पाएं या फिर इसका प्रकोप ज्यादा हो तो फिर रासायनिक तरीका का सहारा लें. 
  • इसके लिए कार्बेन्डाजिम 1 ग्राम प्रति लीटर पानी के हिसाब से फसल में छिड़कें. 
  • या फिर कॉपर ऑक्सीक्लोराइड का छिड़काव भी विल्ट रोग के खिलाफ प्रभावी माना जाता है. 
  • इसके अलावा टमाटर की पौध लगाने से पहले ही मिट्टी को रोगमुक्त करना चाहिए. 
  • इसके लिए आप बीज उपचार और पौधशाला में फफूंदनाशक का इस्तेमाल करके बुवाई करें.
     

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