गुलाब का फूल भला किसे पसंद नहीं है. कई रंगों में खिलने वाला यह फूल न सिर्फ आपकी बगिया को महकाता है बल्कि आपके घर की शोभा भी बढ़ाता है. गुलाब के फूल को दुनिया में बेस्ट माना गया है और इसका प्रयोग कई तरह की चीजों में होता है. आयुर्वेद में भी गुलाब के फूलों का बखान किया गया है और इसे फूलों का राजा तक कहा गया है. गुलाब दक्षिणी एशिया, चीन, जापान, नॉर्थ अमेरिका, नॉर्थ ईस्ट अफ्रीका और भारत के मैदानी और पर्वतीय क्षेत्रों में यह उगाया जाता है. गुलाब के फूल को प्रयोग लूज फ्लावर, ऑयल, गुलाबजल और गुलकंद जैसे कई तरह के उत्पादों को तैयार करने में किया जाता है.
गुलाब पूरे साल उगने वाला पौधा है लेकिन इसके लिए जलवायु बहुत महत्व रखती है. इसके पौधे अच्छे से बढ़ें इसके लिए जरूरी है कि जिस समय आप इसे लगाएं उस समय जलवायु ठंडी हो. जलवायु के तहत ही रोशनी, तापमान, आपेक्षिक आर्द्रता और कार्बन डाइआक्साइड का कसंट्रेशन पौधे के विकास के लिए बहुत ही जरूरी है. अक्सर देखा गया है कि अगर रोशनी तेज है लेकिन तापमान कम हो तो गुलाब में फूल नहीं आते हैं.
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गुलाब के पौधों ठीक और सही तरह से बढ़ें इसके लिए तापमान पर ध्यान देना बहुत जरूरी है. तापमान का इस पर बहुत ज्यादा असर पड़ता है. इसके पौधों को अच्छी तरह से बढ़ने के लिए दिन का तापमान 25 से 30 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच होना चाहिए. अगर मॉनसून है या फिर बादल छाए हैं तो उस समय 18 से 20 डिग्री सेंटीग्रेड का तापमान बेहतर रहता है.
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गुलाब के फूल उगान के लिए ऐसी जगह का चयन करें जहां पर बहुत ज्यादा बारिश न होती हो. ज्यादा बारिश से वातावरण में नमी बढ़ जाएगी और इसकी वजह से काई से होने वाली बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है. नमी कम होना भी गुलाब के लिए नुकसानदायक है. नमी कम होने से गुलाब के पौधों पर लाल मकड़ी का प्रकोप बढ़ जाता है. नमी को बढ़ाने के लिए फुहार सिंचाई विधि का प्रयोग बेहतर रहता है.
गुलाब की खेती कई तरह की मिट्टी में की जा सकती है. बलुई दोमट मिट्टी जिसमें कार्बनिक पदार्थ की मात्रा भरपूर हो, गुलाब की खेती के लिए बेस्ट मानी जाती है. विशेषज्ञों के अनुसार मिट्टी का पीएच मान 5.5 से 6.5 के बीच में होना चाहिए. चिकनी मिट्टी में गुलाब की खेती नहीं करनी चाहिए. मिट्टी की अच्छी तैयारी गुलाब के पौधों को लंबे समय तक हेल्दी रखता है जिससे अच्छे फूल आते हैं. गुलाब की क्यारी तैयार करते समय पहली जुताई कम से कम 40 से 50 सेंमी. गहरी करनी चाहिए ताकि मिट्टी की कड़ी परत टूट जाए. इससे गुलाब की जड़ों की अच्छी वृद्धि हो सकेगी.
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मिट्टी में उपलब्ध पोषक तत्व की मात्रा को जानने के लिए मिट्टी का टेस्ट करा लेना चाहिए. इस टेस्ट के बाद पोषक तत्वों की उपलब्ध मात्रा के अनुसार अतिरिक्त, गोबर की सड़ी खाद, नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश और बाकी सूक्ष्म पोषक तत्वों के लिए उर्वरकों को मिट्टी में मिलाना चाहिए. मिट्टी में नमक की ज्यादा मात्रा होने पर शुरू में कम से कम दो बार खेत में पानी भरकर कुछ समय बाद बाहर निकालना चाहिए. साथ ही मिट्टी को सूखने के लिए छोड़ देना चाहिए. गुलाब का पौधा अच्छे फूल दे इसके लिए जरूरी है कि 4 से 5 मीटर चौड़ी और सुविधानुसार लंबी क्यारियां बनानी चाहिए. साथ ही पौधा लगाने से पहले क्यारियों को नम कर देना चाहिए.