एक ट्रैक्टर में इंजन के बाद सबसे महंगी और खर्चीली चीज इसके टायर ही होते हैं. इसलिए किसान भाई ट्रैक्टर के साथ ही इसके टायर का भी खासा ध्यान रखते हैं. ट्रैक्टर के टायरों को लंबा चलाने के लिए इसमें हवा का सही प्रेशर रखने के साथ ही इनकी नियमित जांच भी करते हैं. मगर ट्रैक्टर के टायरों में कितनी लाइफ बची है, ये चेक करने के लिए किसानों के पास कोई टूल नहीं होता है. इसलिए आज हम आपको ट्रैक्टर की लाइफ चेक करने के लिए 1 सिक्के वाली ट्रिक के बारे में बता रहे हैं.
वैसे तो ट्रैक्टर के पिछले टायरों में कितनी लाइफ यानी ग्रिप बची है, ये तो साफ-साफ दिख ही जाता है. मगर समस्या ट्रैक्टर के अगले टायरों की लाइफ जांचने में आती है, क्योंकि इन टायरों में बहुत ज्यादा मोटी ग्रिप नहीं होती है. ऐसे में एक सिक्के की मदद से आप ट्रैक्टर के अगले टायरों की लाइफ चेक कर सकते हैं.
1. सिक्का आधा कवर है
जब आप ट्रैक्टर के अगले टायर की ग्रिप में एक सिक्का फंसाएंगे तो ये अगर आधा अंदर है और 50 प्रतिशत सिक्का बाहर आ रहा है तो समझिए कि इन टायरों में अभी अच्छी खासी ग्रिप या जान बाकी है. सीधी सी बात ये हैं कि अगर सिक्का 50 प्रतिशत ही बाहर आ रहा है तो टायर की लाइफ अभी 100 प्रतिशत बची हुई है.
2. सिक्का 1/4 कवर है
ट्रैक्टर के टायर में जब आप सिक्का लगाएंगे और ये अगर केवल 1/4 ही अंदर छिप रहा है तो समझिए कि इन टायरों की लाइफ अब आधी ही बची है. यानी कि टायर की ग्रिप में अगर 25 प्रतिशत सिक्का अंदर जा रहा है तो समझें कि इसमें अभी 50 प्रतिशत जान बाकी है. इसी तरह अगर सिक्का टायर की ग्रिप में 25 प्रतिशत से भी कम कवर हो रहा है तो, इसकी लाइफ अब आधे से भी कम बची है.
3. सिक्का लगभग बाहर है
ट्रैक्टर के टायर की जांच के दौरान अगर सिक्का पहिए की ग्रिप में ना के बराबर ही छिप रहा हो तो समझिए कि अब टायर बदलने का वक्त आ चुका है. ट्रैक्टर के टायर पर सिक्का अगर 5 प्रतिशत या इसके आसपास कवर हो रहा है तो ये इस बात का संकेत है कि टायर में अब कोई जान नहीं बची है. अगर ऐसा है तो फिर आपको तुरंत टायर बदलवा लेना चाहिए.
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बहुत से किसान घिसे हुए टायरों पर ही ट्रैक्टर चलाते हैं और नये टायर बदलवाने में कंजूसी करते हैं. बता दें कि ट्रैक्टर को घिसे हुए टायरों पर चलाने से भी बहुत नुकसान होते हैं. अगर टायर घिसे होंगे तो गीली जगह, कीचड़ या फिर भुरभुरे मिट्टी पर ट्रैक्टर स्लिप करता है. इससे ट्रैक्टर की परफॉर्मेंस भी कम होती है और ये डीजल भी ज्यादा खर्च करता है. इसके साथ ही अगर ट्रैक्टर के टायर घिस गए हों तो इसकी ब्रेकिंग पर भी बहुत बुरा असर पड़ता है. जब ट्रैक्टर पर लोड ज्यादा हो या रफ्तार थोड़ी अधिक हो तो घिसे टायरों की वजह से ट्रैक्टर तुरंत नहीं रुक पाता है. ये चीज कुछ हालातों में हादसों का भी कारण बन सकती है.
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