जब भी किसान नया ट्रैक्टर लेने का सोचते हैं तो हर एक कैटेगरी में दर्जनों विकल्प देखकर हमेशा कन्फ्यूज हो जाते हैं. किसान भाई जब भी नया ट्रैक्टर चुनते हैं तो सबसे बड़ी चुनौती ये होती है कि इंजन कौनसा चुनना चाहिए. एक ट्रैक्टर में सही क्षमता का इंजन आपकी खेती के सारे काम भी अच्छे से करता है और डीजल की बचत भी करता है. अगर ज्यादा हल्के इंजन का ट्रैक्टर ले लिया तो खेती के सारे काम नहीं हो पाएंगे और अगर बहुत बड़े इंजन का ट्रैक्टर ले लिया तो फिर छोटी खेती में भी बहुत ज्यादा डीजल खर्च होगा. इसलिए आज हम आपको नया ट्रैक्टर चुनते वक्त सही इंजन चुनने की अहम टिप्स देने वाले हैं.
ट्रैक्टर का इंजन कैसा चुनना है ये आप तभी समझ पाएंगे जब आप इसके बारे में मूलभूत जानकारी रखते हों. दरअसल, ट्रैक्टर में इंजन की क्षमता दो तरीकों से मापी जाती है. पहला तो है इसके सिलेंडर और दूसरा होता है इसके हॉर्स पावर (एचपी). भारत में अभी ट्रैक्टर 2 सिलेंडर, 3 सिलेंडर या फिर 4 सिलेंडर वाले इंजन के विकल्प मौजूद हैं. इंजन में सिलेंडर वो चीज होती है जिसमें इंजन ब्लॉक के अंदर पिस्टन चलते हैं. इंजन में जितने कम सिलेंडर होंगे पावर उतनी कम होगी लेकिन ट्रैक्टर का माइलेज उतना ही बढ़िया मिलेगा. वहीं इंजन में जैसे ही 2 से 3 और 4 सिलेंडर तक बढ़ते जाएंगे, ट्रैक्टर बेतहाशा पावर देगा. मगर ज्यादा सिलेंडर डीजल भी उतना ही ज्यादा खर्च करते हैं.
इसके साथ ही ट्रैक्टर के इंजन में हॉर्स पावर भी बहुत महत्वपूर्ण होता है. ट्रैक्टर के इंजन में कितने सिलेंडर हैं और ये सिलेंडरल कितने क्यूबिक इंच चौड़े हैं, इससे तय होता है कि ट्रैक्टर का इंजन कितने हॉर्स पावर बनाएगा. ट्रैक्टर के हॉर्स पावर के ही हिसाब से इसकी कैटेगरी और दाम तय होता है. बता दें कि भारत में सबसे ज्यादा 35 से 40 HP की कैटेगरी के ही ट्रैक्टर बिकते हैं. साथ ही ये ट्रैक्टर बजट में भी आ जाते हैं.
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ट्रैक्टर का इंजन हमेशा अपनी जोत के हिसाब से चुनना चाहिए. इससे आपके पैसे और डीजल की बरबादी नहीं होगी.
यहां सबसे जरूरी बात ये है कि आप जब भी ट्रैक्टर का इंजन चुनें तो जरूरत से 5 एचपी ज्यादा ही लें. इससे होगा ये कि आपके जरूरत के सारे काम होंगे और कभी कोई नया और थोड़ा बड़ा इंप्लीमेंट लगाकर चलाएंगे तो ट्रैक्टर आराम से चलेगा. इसके साथ ही आपकी जरूरत के सारे काम करते हुए भी ट्रैक्टर के इंजन पर ज्यादा लोड नहीं पड़ता और इससे इसकी लाइफ भी ज्यादा बनी रहती है.
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