लिली का फूल देखने में काफी सुंदर लगता है और आपके घर की सजावट में चार चांद लगाता है. इन फूलों को पूर साले उगाया जा सकता है. लिली के फूल कई मायनों में खास हैं. ये फूल न सिर्फ देखने में सुंदर लगते हैं बल्कि इनकी खुशबू भी सबका दिल जीत लेती है. साथ ही पूरे साल खिलने की वजह से ये हर मौके को खास बना देते हैं. आपको शायद ही मालूम कि आप थोड़ी सी देखभाल के साथ इन फूलों को अपने बगीचे में या यहां तक कि घर के अंदर भी उगा सकते हैं. आज हम आपको बताते हैं कि कैसे आप अपने आसानी से घर पर लिली उगा सकते हैं.
लिली का फूल देखने में काफी सुंदर लगता है और आपके घर के पड़ोस में फूल की दुकान पर इसे आसानी से देखा जा सकता है. ये फूल गुलाबी, सफेद, पीले, बैंगनी और ऐसे कई मनमोहक रंगों में खिलता है और आपका दिल जीत सकता है. घर पर लिली के फूल उगाना आसान है और यह आपके लिए कभी न भूलने वाला अनुभव हो सकता है. लिली की कुछ किस्में काफी खास हैं जिनमें एशियाटिक लिली, ओरिएंटल लिली, टाइगर लिली.
अगर आप घर में लिली को उगाना चाहते हैं तो फिर एशियाटिक और ओरिएंटल लिली किस्म बेहतर रहती है. इन किस्मों के बारे में कहते हैं कि इन्हें ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती है. कम देखभाल में भी ये किस्में अच्छे फूल देती हैं. लिली के पौधे को को कम से कम 6 से 8 घंटे तक की धूप चाहिए. गमले या बगीचे में ऐसी जगह चुनें जहां सूरज की रोशनी अच्छी तरह पहुंचे. अच्छी जल निकासी वाली रेतीली-दोमट मिट्टी इसके लिए सबसे अच्छी मानी गई है.
गमले में अगर लिली उगाना चाहते हैं तो फिर ध्यान रहे कि गमला 8 से 12 इंच तक गहरा हो. मिट्टी में गोबर खाद या ऑर्गेनिक खाद को मिलाने के बाद लिली के बल्बों को 4-6 इंच गहराई में लगा दें. ध्यान रखें कि इन बल्बों के बीच 6 से 8 इंच की दूरी पर रखें. ध्यान रहे कि बल्ब का नुकीला सिरा ऊपर की ओर होना चाहिए. इन्हें लगाने के बाद हल्का पानी डालें. मिट्टी को हल्का नम जरूर रखें लेकिन ज्यादा पानी देने से बचें. ज्यादा नमी से बल्ब सड़ सकता है. हर 15-20 दिन में जैविक खाद या उचिम मात्रा में उर्वरक डालें. समय-समय पर खरपतवार हटाते रहें.
पत्तियों पर फफूंद या कीड़े लगें तो नीम का तेल या जैविक कीटनाशक का छिड़काव करें. पौधों को सहारा देने के लिए डंडियां लगाएं ताकि तेज हवा से न गिरें. लिली के फूल गर्मियों से मानसून तक आते हैं. जब फूल मुरझा जाएं तो डंठल को काट दें लेकिन पत्तियों को रहने दें ताकि बल्ब को पोषण मिलता रहे.
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