PEMF तकनीक से बढ़ेगा सब्जियों का उत्पादन, IIVR वाराणसी का चेन्नई की इस कंपनी के बीच हुआ MOU

PEMF तकनीक से बढ़ेगा सब्जियों का उत्पादन, IIVR वाराणसी का चेन्नई की इस कंपनी के बीच हुआ MOU

Vegetables Cultivation: भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी  के निदेशक डॉ राजेश कुमार ने बताया कि सब्जी उत्पादन में बीज के महत्व को देखते हुए विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र आधारित उपकरण (PEMF Technology) की उपयोगिता आने वाले समय मे मील का पत्थर साबित हो सकता है.

IIVR वाराणसी और मद्रास इंस्टीट्यूट के बीच हुआ MoU- फोटो: सोशल मीडियाIIVR वाराणसी और मद्रास इंस्टीट्यूट के बीच हुआ MoU- फोटो: सोशल मीडिया
क‍िसान तक
  • LUCKNOW,
  • Sep 26, 2025,
  • Updated Sep 26, 2025, 10:04 AM IST

सब्जी उत्पादन में बीज की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (IIVR), वाराणसी ने एक बड़ी पहल की है. आईआईवीआर और मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ मैग्नेटोबायोलॉजी (MIMB), चेन्नई के बीच एक एमओयू (MoU) पर हस्ताक्षर किया गया. भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान,वाराणसी के निदेशक डॉ राजेश कुमार ने बताया कि सब्जी उत्पादन में बीज के महत्व को देखते हुए विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र आधारित उपकरण (PEMF Technology) की उपयोगिता आने वाले समय मे मील का पत्थर साबित हो सकता है.

इस उपकरण के माध्यम से बिना किसी रसायन के उपयोग किए केवल चुंबकीय क्षेत्र से बीजों को उपचरित कर बिना किसी आनुवांशिक बदलाव के उनके गुणवत्ता मे सुधार किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि भविष्य में इस उपकरण से उपचरित बीजों का उपयोग प्रकृतिक एवं कार्बनिक खेती में भी कर सकते है.

उधर, मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैग्नेटोबायोलॉजी (MIMB), चेन्नई के निदेशक डॉ दिलीप सम्पत के अनुसार यह तकनीकी इससे पहले कृषि के क्षेत्र मे अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (बीज) में इस तकनीकी पर अनुसंधान कार्य किया जा चुका है और अच्छे परिणाम प्राप्त किए जा चुके है. डॉ सम्पत ने इस उपकरण कि तकनीकी जानकारी विषय विशेषज्ञों के साथ साझा किए तथा भविष्य मे मिलकर अनुसंधान करने पर ज़ोर दिया.

PEMF तकनीक के फायदे                                                                                       

1- पल्स्ड इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड (PEMF) एक वैज्ञानिक तरीका है, जिसमें बीजों को बोने से पहले कुछ मिनट (आमतौर पर 30-60 मिनट) के लिए हल्के, सुरक्षित चुंबकीय तरंगों से गुजारा जाता है.

2- इस प्रक्रिया में बिजली से चलने वाला एक साधारण उपकरण इस्तेमाल होता है, जिसमें बीज विशेष रूप से निर्धारित आवृत्ति (जैसे 16–50 Hz) पर रखे जाते हैं.

3- PEMF बीजों की अंदरूनी प्रक्रिया को शक्ति देता है, जिससे वे तेज और बेहतर अंकुरित होते हैं.

4- इस तकनीक से अंकुरण प्रतिशत, पौधों की वृद्धि, फूल, फल, और फसल की गुणवत्ता में बढ़ोतरी देखी जाती है.

5- बीज सुरक्षा और पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है, जिससे किसान को उत्पादन और आय में लाभ मिलता है.

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