ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो मार्ट में आयोजित यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो 2025 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं सहायता समूहों की महिला उद्यमियों से मुलाकात की. इन महिलाओं के लिए यह क्षण किसी सपने के सच होने जैसा था. इन पांच महिलाओं की कहानियां सिर्फ उनकी व्यक्तिगत सफलता नहीं, बल्कि यह पूरे उत्तर प्रदेश में आए क्रांतिकारी बदलाव की तस्वीर पेश करती हैं. ये कहानियां बताती हैं कि योगी सरकार की नीतियों से अब महिलाएं सुरक्षित महसूस करती हैं और उन्हें अपने सपनों को पूरा करने के लिए एक सुरक्षित माहौल मिला है.
इसी क्रम में मेरठ की रहने वाली संगीता एक विद्युत सखी हैं. उन्होंने आत्मविश्वास के साथ प्रधानमंत्री को बताया कि वह हर महीने लोगों के बिजली बिल जमा करके अच्छी कमाई कर लेती हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी कहानी को बड़े ध्यान से सुना और उनसे पूछा कि आपको फील्ड में काम करते हुए कोई दिक्कत तो नहीं होती? इस पर संगीता ने गर्व से जवाब दिया कि अब हमें कोई दिक्कत नहीं होती. लोग हमें सम्मान से पहचानते हैं.
वहीं लखनऊ से आईं बैंकिंग सखी सरला ने प्रधानमंत्री को बताया कि वह लोगों के बैंक खाते खुलवाती हैं और इस काम से अच्छी कमाई कर लेती हैं. पीएम ने उनसे भी उनके काम के अनुभव के बारे में पूछा. सरला ने बताया कि शुरुआत में लोगों को समझाना मुश्किल था, लेकिन अब लोग भरोसा करते हैं. सरला ने बताया कि वो अबतक 2000 से अधिक जनधन खाते, 700 से अधिक सुरक्षा बीमा, 200 से अधिक जीवन ज्योति बीमा खाते और 200 से अधिक अटल पेंशन योजना के तहत खाते खोल चुकी हैं.
वाराणसी की नीतू सिंह की कहानी प्रेरित करने वाली है. उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि वह एक नमो ड्रोन दीदी हैं और उन्होंने ड्रोन चलाना सीखा है. नीतू ने बताया कि वह ड्रोन से खेतों में खाद छिड़कने का काम करती हैं और एक बीघे के लिए ₹200 लेती हैं. उन्होंने यह भी बताया कि कभी-कभी वह एक दिन में 20 से 25 एकड़ खेतों में छिड़काव कर लेती हैं. उन्होंने बताया कि पिछले डेढ़ साल में वो 1000 एकड़ से अधिक खेतों में ड्रोन से छिड़काव कर चुकी हैंय
इसके अलावा बिजनौर की जूली देवी ने प्रधानमंत्री से मिलकर 15,000 महिलाओं का प्रतिनिधित्व किया, जो विदुर पेड़ा समिति से जुड़ी हैं. यह समिति साबुन, मसाला, मल्टीग्रेन आटा, बेसन समेत करीब 150 उत्पाद बनाती है. जूली कहतीं हैं कि 2017 से पहले यूपी में महिलाएं उद्यम कर सकती हैं, यह सोचना भी मुश्किल था. घर से बाहर निकलने में डर लगता था। कानून व्यवस्था की हालत बहुत खराब थी. उन्होंने आगे कहा कि अब हम न केवल घर चलाती हैं, बल्कि बेखौफ होकर अपना उद्यम भी करती हैं.
गोरखपुर में डेयरी उद्यम से जुड़ी कौशल्या ने भी पीएम से मुलाकात की. उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि वह एक सफल डेयरी चलाती हैं और हर महीने अच्छी कमाई कर लेती हैं. दरअसल, कभी लचर कानून-व्यवस्था के कारण महिलाओं के लिए असुरक्षित माने जाने वाला उत्तर प्रदेश आज महिला सशक्तिकरण की मिसाल बन चुका है. साल 2017 से पहले, प्रदेश में उद्यम लगाने की बात तो दूर, महिलाएं घर से बाहर निकलने में भी हिचकिचाती थीं. लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शासनकाल में विगत साढ़े 8 वर्ष में आए बदलावों ने उत्त प्रदेश की तस्वीर को पूरी तरह बदल दिया है.
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