महाराष्ट्र में भारी बारिश का दौर जारी है और राज्य में अगस्त-सितंबर में भारी बारिश हुई है. किसानों को इस साल खासा नुकसान हुआ है और बड़े स्तर पर फसलों को नुकसान पहुंचा है. कृषि विभाग की तरफ से दी गई ताजा जानकारी के अनुसार राज्य के 30 जिलों के किसान इससे प्रभावित हैं. शुरुआती अनुमान पर अगर यकीन करें तो 70 लाख एकड़ जमीन पर खड़ी फसलों को बारिश से नुकसान पहुंचा है. राज्य सरकार की तरफ से इस पर मुआवजा भी जारी किया गया है.
कृषि विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि 1 अगस्त से 22 सितंबर 2025 के बीच भारी बारिश के कारण महाराष्ट्र के 195 तहसीलों और 654 रेवेन्यू सर्किल्स में फसलें बर्बाद हुईं. इस दौरान राज्य में कुल 69.95 लाख एकड़ भूमि पर फसल नुकसान की रिपोर्ट दर्ज की गई. नांदेड, बीड, सोलापुर, यवतमाल और बुलढाणा सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल हैं.
नांदेड जिले में सबसे अधिक नुकसान हुआ, जहां 18.20 लाख एकड़ में फसलें प्रभावित हुईं. इसके बाद सोलापुर में 9.95 लाख एकड़, यवतमाल में 8.56 लाख एकड़ और धाराशिव में 8.29 लाख एकड़ भूमि पर फसलें नष्ट हुईं. अधिकारी ने बताया कि नांदेड, सोलापुर, यवतमाल, धाराशिव, बीड, अहिल्यानगर, वाशिम, बुलढाणा, जालना, हिंगोली, अकोला और अमरावती जैसे जिलों में प्रत्येक ने एक लाख एकड़ से अधिक क्षेत्र में फसल नुकसान दर्ज किया है.
कम से कम 15 जिलों ने 10,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फसल क्षति की सूचना दी है. प्रभावित फसलों में सोयाबीन, मक्का, कपास, उड़द, तूर (अरहर) और मूंग शामिल हैं. अकेले सितंबर महीने में राज्य में 30.85 लाख एकड़ भूमि पर फसलें प्रभावित हुईं. बीड जिले में लगभग 5.94 लाख एकड़ और अहिल्यानगर में 4.21 लाख एकड़ क्षेत्र में नुकसान हुआ. विभाग आने वाले हफ्तों में नुकसान का विस्तृत मूल्यांकन करेगा ताकि प्रभावित किसानों को आवश्यक सहायता प्रदान की जा सके.
वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भरोसा दिलाया है कि राज्य में बाढ़ प्रभावित किसानों को राहत पहुंचाने के लिए सभी सरकारी तंत्र युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं. आज कैबिनेट बैठक के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि 31 लाख से ज्यादा किसानों को 2,215 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद को मंजूरी दी गई है. इसमें से 1,829 करोड़ रुपये पहले ही ज़िलों को जारी किए जा चुके हैं और अगले 10 दिनों के भीतर किसानों के बैंक खातों में पहुंच जाएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि नुकसान का आकलन तेजी से पूरा किया जा रहा है और बिना किसी देरी के मुआवजा वितरित किया जा रहा है. ज़िला कलेक्टरों को जान-माल, पशुधन और घरों के नुकसान के लिए तत्काल राहत प्रदान करने का अधिकार दिया गया है.
महाराष्ट्र सरकार की ओर से जारी आदेश के अनुसार, किसानों को मुआवजा राशि सीधे उनके बैंक खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से दी जाएगी. सरकारी नोटिस में कहा गया है कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि प्रस्ताव के तहत मांगी गई राशि वर्तमान मौसम में सभी विभागों को वितरित की गई राहत राशि में शामिल न हो. साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि ऐसी राहत एक ही मौसम में निर्धारित दर पर एक बार ही प्रदान की जाए. सहायता राशि के वितरण के बाद लाभार्थियों की सूची और संबंधित आदेश जिला वेबसाइटों पर जारी किए जाएंगे.
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