किसान विरोध प्रदर्शन के बीच ही उत्तर प्रदेश ने किसानों को तोहफा दिया है. राज्य सरकार ने इस साल गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी में 150 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि की है. यूपी में गेहूं खरीद के लिये किसानों का खाद्य एवं रसद विभाग के पोर्टल fcs.up.gov.in पर 1 जनवरी 2024 से online registration शुरू किया गया है. अब तक करीब 109709 किसानों ने रेजिस्ट्रेशन करा लिया है. वहीं बाकी किसान अभी रेजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं. शुक्रवार से नए मूल्य पर सरकार गेहूं की खरीद शुरू कर देगी.
बताया जा रहा है कि खरीद 15 जून तक चलेगी. साथ ही इस साल बटाईदार किसान भी रजिस्ट्रेशन कराकर इसकी बिक्री कर सकेंगे. रविवार और बाकी अवकाशों को छोड़कर क्रय केंद्रों पर प्रतिदिन गेहूं की खरीद सुबह 9 से शाम 6 बजे तक चलेगी. प्रदेश में एजेंसियों के 6500 क्रय केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं. खाद्य और रसद विभाग ने शुक्रवार से शुरू होने वाली गेहूं ख़रीद के लिए टोल फ्री नंबर 18001800150 जारी किया है.
पिछले साल राज्य सरकार ने 2023-24 के लिए गेहूं के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) लागू कर दिया था. सरकार की तरफ से बताया गया था कि चालू गेहूं खरीद सीजन के दौरान सरकार 2,125 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर गेहूं उठाएगी, जो पिछले साल से करीब 110 रुपये प्रति क्विंटल ज्यादा है. सरकार ने 60 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य रखा था.
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इससे पहले अक्टूबर 2023 में केंद्र सरकार ने साल 2024-25 के खरीद सत्र के लिए गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य को 150 रुपये से बढ़ाकर 2,275 रुपये प्रति क्विंटल करने की घोषणा की थी. साल 2014 में सत्ता में आने के बाद से नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की तरफ से की गई यह सबसे ज्यादा वृद्धि बताई गई थी. प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) की बैठक में इस पर फैसला लिया गया था.
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया था कि सीसीईए ने 2024-25 विपणन सत्र के लिए सभी अनिवार्य रबी फसलों के लिए एमएसपी में वृद्धि को मंजूरी दे दी है. उन्होंने कहा कि सीएसीपी की सिफारिश के आधार पर छह रबी फसलों के एमएसपी में वृद्धि करने का फैसला लिया गया था.
(शिल्पी सेन)
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