यूपी में टमाटर की खेती करने वाले किसान इन दिनों परेशान हैं. आलम ये है कि किसान नुकसान में टमाटर बेचने को मजबूर हैं. असलमें लखनऊ की सब्जी मंडियों में टमाटर की आवक बढ़ने से दाम गिरना शुरू हो गए हैं, जिसका खामियाजा अब किसानों को भुगतना पड़ रहा है. इस वर्ष सब्जी की फसल के लिए अनुकूल मौसम होने के चलते उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है, नतीजतन मंडियों में इन दिनों कोई भी सब्जी 20 रुपये किलो से ज्यादा के भाव में नहीं बिक रही है. सबसे बुरा हाल टमाटर का है. टमाटर की खेती करने वाले किसान दाम न मिलने से परेशान हैं. इन दिनों मंडी में टमाटर 2 से 3 रुपये प्रति किलो बिक रहा है.
राजधानी लखनऊ दुबग्गा सब्जी मंडी में इन दिनों टमाटर का भाव सबसे नीचे गिर चुका है. मंडी में टमाटर 2 से 3 रुपये प्रति किलो के भाव में बिक रहा है. मंडी टमाटर बेचने आए किसानों के आंसू निकल रहे हैं, किसानों ने मुनाफे की उम्मीद के साथ फसल बोई थी, लेकिन इन दिनों सब्जियों के भाव गिरने से उन्हें मुनाफा नहीं बल्कि घाटा होने लगा है. लखनऊ के कासिमपुर गांव के किसान प्रमोद वर्मा पिछले कई सालों से टमाटर की हाइब्रिड खेती कर रहे हैं. उनकी फसल का उत्पादन इस वर्ष काफी अच्छा है. लेकिन, इन दिनों टमाटर के दाम अच्छे नहीं मिल रहे हैं. प्रमोद वर्मा बताते हैं कि उनके खेत से प्रतिदिन दो से तीन क्विंटल टमाटर का उत्पादन हो रहा है. मंडी में इन दिनों 80 रुपये प्रति कैरेट के भाव पर टमाटर बिक रहा है, जबकि 1 कैरेट में 26 से 28 किलो टमाटर होता है. इस हिसाब से देखा जाए तो 3 रुपये प्रति किलो का भाव मिल रहा है, जिसमें भाड़ा भी शामिल है. ऐसे में उन्हें घाटा हो रहा है. यही हाल दूसरे किसान आलोक वर्मा का भी है, जिन्होंने उम्मीद के साथ टमाटर की फसल लगाई थी लेकिन भाव गिरने से घाटा होने लगा है.
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अब टमाटर की खेती करने वाले किसानों को शादी की सीजन से ही उम्मीद है. जनवरी महीने में टमाटर का हाल ज्यादा बुरा था. लेकिन अब शादी का सीजन शुरू होने से भाव बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है. मार्च के दूसरे सप्ताह तक शादी का सीजन है. ऐसे में टमाटर की खपत बढ़ जाएगी जिससे किसानों को अच्छे दाम मिलने की उम्मीद है.