Potato Farming: आगरा बनेगा आलू रिसर्च का ग्लोबल हब, यूपी के किसानों की आमदनी में भी होगा इजाफा

Potato Farming: आगरा बनेगा आलू रिसर्च का ग्लोबल हब, यूपी के किसानों की आमदनी में भी होगा इजाफा

देश के कुल आलू उत्पादन का 35 प्रतिशत हिस्सा उत्तर प्रदेश से आता है. अकेले आगरा जिले में 76 हजार हेक्टेयर में आलू की खेती होती है. यूपी में उत्पादित आलू का लगभग 40 फीसदी हिस्सा अन्य राज्यों में भेजा जाता है. हालांकि इतनी बड़ी उत्पादन क्षमता के बावजूद गुणवत्तायुक्त बीज और प्रोसेसिंग के लिए उपयुक्त किस्मों की कमी महसूस की जा रही थी, जिसे अब CSARC दूर करेगा.

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नवीन लाल सूरी
  • Lucknow ,
  • Aug 06, 2025,
  • Updated Aug 06, 2025, 1:44 PM IST

उत्तर प्रदेश में कृषि नवाचार को वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शिता और मजबूत इच्छाशक्ति अब साकार होती दिख रही है. आलू और शकरकंद जैसी कंद फसलों पर विश्‍वस्‍तरीय शोध के लिए अंतरराष्‍ट्रीय आलू केंद्र (CIP) के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र (CSARC) की स्थापना का रास्ता साफ हो गया है. मंगलवार को पेरू स्थित CIP के महानिदेशक डॉ. सिमोन हेक की अगवुाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और इस परियोजना की प्रगति पर चर्चा की.

ताकि हो सके आलू का निर्यात  

प्रतिनिधिमंडल में CIP के कंट्री मैनेजर नीरज शर्मा, वरिष्‍ठ सलाहकार रमन अब्रोल, और IRRI के दक्षिण एशिया प्रमुख सुधांशु सिंह शामिल थे. इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जब तक आगरा के सिंगना गांव में केंद्र का निर्माण पूरा नहीं होता, तब तक राज्य के कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से किसानों को CIP की तकनीकों से ट्रेनिंग दी जा सकती है. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि आलू के साथ-साथ अन्य कंद फसलों की किस्मों पर भी अनुसंधान को प्राथमिकता दी जाए, ताकि उत्पादन बढ़े और निर्यात के अवसर मिलें. 

आलू उत्‍पादन में आगे आगरा  

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केंद्र प्रदेश के किसानों की आय बढ़ाने, प्रोसेसिंग इंडस्‍ट्री को मजबूती देने और उत्तर प्रदेश को अंतरराष्ट्रीय कृषि हब बनाने में अहम भूमिका निभाएगा. उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि उत्तर प्रदेश देश में सबसे अधिक आलू उत्पादन करने वाला राज्य है. वर्ष 2024-25 में 6.96 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में 244 लाख मीट्रिक टन आलू का उत्पादन हुआ.

देश के कुल आलू उत्पादन का 35 प्रतिशत हिस्सा उत्तर प्रदेश से आता है. अकेले आगरा जिले में 76 हजार हेक्टेयर में आलू की खेती होती है. यूपी में उत्पादित आलू का लगभग 40 फीसदी हिस्सा अन्य राज्यों में भेजा जाता है. हालांकि इतनी बड़ी उत्पादन क्षमता के बावजूद गुणवत्तायुक्त बीज और प्रोसेसिंग के लिए उपयुक्त किस्मों की कमी महसूस की जा रही थी, जिसे अब CSARC दूर करेगा.

किसानों को मिलेगी ट्रेनिंग भी 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में जून में हुई केंद्रीय कैबिनेट बैठक में इस केंद्र की स्थापना के लिए 111.50 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है. यह केंद्र बीज नवाचार, एपीकल रूटेड कटिंग, जर्मप्लाज्म संरक्षण और वैल्यू चेन विस्तार का वैश्विक उदाहरण बनेगा. CSARC भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR), राज्य कृषि विश्वविद्यालयों और निजी कंपनियों के साथ साझेदारी कर किसानों को अंतरराष्ट्रीय तकनीक और प्रशिक्षण उपलब्ध कराएगा. 

क्‍या है CIP और इसका मकसद 

CIP की स्थापना 1971 में पेरू में हुई थी और आज यह 20 से अधिक देशों में रिसर्च के कामों में लगा हुआ है. भारत में CIP को 50 वर्ष पूरे हो चुके हैं. इस दौरान इसने जलवायु के अनुकूल किस्में, कीट प्रबंधन और पोषणयुक्त फसलों के विकास में महत्वपूर्ण काम किया है. CSARC की स्थापना से उत्तर प्रदेश वैश्विक बीज और प्रोसेसिंग नेटवर्क में एक केंद्रीय भूमिका निभाएगा.

बीते 28 जुलाई को भारत सरकार और CIP के बीच समझौता ज्ञापन (MOA) पर हस्ताक्षर हुए. डॉ. सिमोन हेक ने मुख्यमंत्री योगी से मुलाकात कर उनके सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि CSARC न सिर्फ किसानों की आमदनी बढ़ाएगा, बल्कि उत्तर प्रदेश को दक्षिण एशिया का आलू पर नए इनोवेशंस का केंद्र बना देगा. 

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