मिर्जापुर के बिशुनपुरा गांव के रहने वाले किसान दिनेश चौधरी को आम की खेती का ऐसा शौक चढ़ा हुआ है कि वो मध्य प्रदेश में नौकरी के साथ अपने गांव के आम की खेती बड़े पैमाने पर कर रहे है. दिनेश बताते हैं कि मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में कोल इंडिया लिमिटेड के जयंत प्रोजेक्ट में इलेक्ट्रीशियन के पद पर अपनी सेवा दे रहा हूं. लेकिन मुझे बचपन से खेती-किसानी का जुनून था. इसलिए नौकरी के साथ मिर्जापुर में अपने पुश्तैनी 5 एकड़ जमीन पर आम की अलग-अलग वैरायटी लगा रखा. वहीं जहां मैं नौकरी कर रहा हूं वहां भी कुछ पौधे आम के लगाए है.
उन्होंने बताया कि वो पिछले 10 साल से आम की बागवानी कर रहे हैं. अपने खेत में अरुणिका, अम्बिका, आम्रपाली समेत कई आम की वैरायटी लगा रखा है. वहीं सभी पौधे लखनऊ के रहमानखेड़ा स्थित केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (CISH) से लेकर आता हूं. दिनेश ने आगे बताया कि मेरा शौक हैं कि ड्यूटी के साथ पर्यावरण हराभरा रहे, इसलिए मध्य प्रदेश में अपने घर के बाहर भी आम के पौधे लगाया हूं. अब फल आ गए. उन्होंने बताया कि बिजनेस करने का अभी कोई इरादा नहीं है. जो भी 4-5 क्विंटल फल मेरे आम के पेड़ से आता है, मैं उसे लोगों को खाने के लिए फ्री में बांट देता हूं. हम आम की देसी वैरायटी भी लगा रखे हैं.
किसान दिनेश चौधरी ने बताया कि मेरी पांच साल नौकरी और बची हुई हैं, उसके बाद गांव में आम की बड़े पैमाने पर खेती करूंगा. इंडो इजरायल सेंटर बस्ती से पूसा प्रतिभा, पूसा क्रिस्टा, पूसा लालिमा और पूसा श्रेष्ठ की कुछ वैरायटी आम के पौधों को लेकर आया हूं.
जब भी मैं अपने गांव बिशुनपुर आता हूं आम की नई-नई वैरायटी के पौधों को खरीदकर लगाता हूं. दरअसल, दिनेश ने नौकरी के बाद अपनी पुश्तैनी खेती को कमाई का जरिया बनाने का प्लान अभी से बना रहे हैं. गौरतलब है कि दिनेश चौधरी पिछले 10 साल से सही तकनीक और सच्ची लगन से वैज्ञानिक तरीके से खेती कर रहे है. जिसका नतीजा हैं कि उनके आम की खूब पैदावार हुई है. वहीं आम की खेती में बैगिंग तकनीक का इस्तेमाल करते है, जिससे आम की मिठास बरकरार रहे.
उन्होंने बताया कि वो कभी केमिकल खाद का प्रयोग बिल्कुल नहीं करते, हमेशा गोबर खाद मिलाकर आम के खेतों पर डालते है. जिससे कोई भी रोग नहीं लगता. जबकि हार्वेस्टिंग के समय पर आमों को चुन-चुन कर हाथ से तोड़ा ताकि नुकसान कम हो.
मेरी गैरमौजूदगी में मेरे पिता और पुत्र आम के पेड़ का रखरखाव करते है. दिनेश ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि वो समय-समय पर कृषि विज्ञान केंद्र और केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के वैज्ञानिकों से सुझाव लेता रहना चाहिए. जिससे आपकी फल की पैदावार बंपर हो.
बता दें कि उत्तर प्रदेश भारत में आम का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है, और यहां बहुत सारे किसान आम की खेती करते हैं. अनुमान के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में हर साल लगभग 2.5 मिलियन मीट्रिक टन आम का उत्पादन होता है. एक रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश भारत में आम का उत्पादन करने में पहले स्थान पर है, जिसका सालाना उत्पादन 2,500,000 मीट्रिक टन है. आम की खेती से उत्तर प्रदेश के किसानों को आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत मिलता है. उत्तर प्रदेश के मलीहाबाद, सहारनपुर और लखनऊ जैसे क्षेत्र आम की विभिन्न किस्मों के उत्पादन के लिए जाने जाते हैं.
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