कर्नाटक में जंगली हाथियों के आतंक से फसलें तबाह...किसानों को सताई नुकसान की आशंका

कर्नाटक में जंगली हाथियों के आतंक से फसलें तबाह...किसानों को सताई नुकसान की आशंका

पिछले दो हफ्तों से हाथियों के झुंड मास्केनट्टी, भुरनकी, करिकट्टी, घास्टोली और आसपास के गांवों में घूम रहे हैं. इनकी वजह से धान, मक्का और गन्ने की फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान हो रहा है. किसानों का कहना है कि महीनों की मेहनत से उगाई गई उनकी फसलें कुछ ही मिनटों में तबाह हो जाती हैं. इससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है और नुकसान की भरपाई का कोई साधन नहीं बचा है. 

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क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Oct 28, 2025,
  • Updated Oct 28, 2025, 2:53 PM IST

जंगली हाथी दिन पर दिन किसानों के लिए बड़े नुकसान की वजह बनते जा रहे हैं. दक्षिण के राज्‍यों में किसानों के लिए हाथी एक बड़ी समस्‍या हैं. ताजा मामला कर्नाटक के बेलगावी के खानापुर तालुका का है और यहां पर हाथियों की वजह से किसानों में डर और निराशा का माहौल है. जंगली हाथियों के झुंड लगातार गांवों में घुस रहे हैं. ये हाथी खेतों में खड़ी फसलों को नष्ट कर रहे हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान और परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उनका आरोप है कि बार-बार शिकायत और मदद की अपील करने के बावजूद वन विभाग के अधिकारी पूरी तरह उदासीन बने हुए हैं. 

कुछ ही मिनटों में तबाह फसल 

पिछले दो हफ्तों से हाथियों के झुंड मास्केनट्टी, भुरनकी, करिकट्टी, घास्टोली और आसपास के गांवों में घूम रहे हैं. इनकी वजह से धान, मक्का और गन्ने की फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान हो रहा है. किसानों का कहना है कि महीनों की मेहनत से उगाई गई उनकी फसलें कुछ ही मिनटों में तबाह हो जाती हैं. इससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है और नुकसान की भरपाई का कोई साधन नहीं बचा है. 

नहीं होती शिकायत पर कार्रवाई 

मास्केनट्टी गांव के एक किसान ने कहा, 'हर साल हम इसी स्थिति से गुजरते हैं. हम शिकायतें दर्ज करते हैं, मुआवजे की मांग करते हैं और रोकथाम के उपायों की गुहार लगाते हैं, लेकिन कुछ भी नहीं बदलता.' किसानों के अनुसार पूरा जीवन कृषि पर निर्भर है.  इस तरह की तबाही हमें और गहरे कर्ज में धकेल देती है. स्थिति तब और गंभीर हो गई जब शुक्रवार को हाथियों का एक झुंड खानापुर तालुका के मास्केनट्टी गांव के बाहरी इलाके में पहुंच गया. गांव में अफरा-तफरी मच गई. 

प्रशासन से की बड़ी मांग 

लोगों ने पटाखे और तेज आवाजें करके हाथियों को भगाने की कोशिश की, लेकिन वे इसमें नाकाम रहे. किसानों ने वन विभाग की आलोचना की है. उनका कहना है कि कि बार-बार होने वाली इस समस्या को रोकने के लिए कुछ नहीं किया गया है. विभाग की तरफ से न तो टीमें तैनात कीं और न ही कोई प्रभावी कदम उठाए. किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि गांवों के आसपास हाथियों को रोकने के लिए प्रूफ ट्रेंचेस, सोलर फेंसिंग और रैपिड रेस्‍पॉन्‍स यूनिट्स की व्यवस्था की जाए. 

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