
तमिलनाडु में धान की सरकारी खरीद चालू है. इस बीच, सरकार ने बताया है कि राज्य ने धान खरीद की अपनी पहल में तेजी ला दी है. वहीं, पिछले चार वर्षों में किसानों से हर साल औसतन 42.61 लाख टन धान खरीदा गया है, जो AIADMK ( अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम) सरकार के शासनकाल में हुई खरीद से कहीं ज़्यादा है. इसके अलावा सरकार ने बताया कि प्रत्यक्ष खरीद केंद्रों (डीपीसी) को रविवार को भी काम करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही मौजूदा आठ घंटे के संचालन के बजाय धान की खरीद प्रतिदिन 10 घंटे की जाएगी.
धान खरीद के लिए उठाए गए कदमों का विवरण देते हुए, सरकार ने यहां एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा कि अक्टूबर में उत्तर-पूर्वी मॉनसून के मौसम की शुरुआत को देखते हुए 1 सितंबर से धान की खरीद शुरू करने का निर्णय लिया गया था. सरकार ने AIADMK की आलोचना करते हुए कहा कि उसके शासनकाल में हर साल औसत धान की खरीद 22.70 लाख टन थी, जो अब बढ़कर 42.61 लाख हो गई है.
चालू वर्ष में सरकार ने बताया कि 1 सितंबर से 24 अक्टूबर, 2025 तक 1,853 प्रत्यक्ष खरीद केंद्रों के माध्यम से 10.4 लाख टन धान की खरीद की गई है. वहीं, कुल 10.40 लाख टन में से, 8.77 लाख टन पहले ही जिलों में पहुंचाया जा चुका है, जबकि बचा हुआ 1.63 लाख टन धान जिला खरीद केंद्रों में सुरक्षित रूप से रखा गया है. धान खरीद के लिए नमी की मात्रा को मौजूदा 17 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत करने के सरकार के अनुरोध के आधार पर, विज्ञप्ति में कहा गया है कि केंद्र ने तीन विशेषज्ञ समितियों का गठन किया है. जो नमी की मात्रा का अध्ययन और निरीक्षण करने के लिए तमिलनाडु पहुंची है.
मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने 2 अक्टूबर को एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की और बैठक के दौरान डेल्टा जिलों में ट्रेनों के माध्यम से धान वितरण के लिए जिला स्तरीय टीमों के गठन का निर्णय लिया था. वहीं, मुख्य सचिव एन. मुरुगनंधम द्वारा अपने महाप्रबंधक से किए गए अनुरोध पर, दक्षिण रेलवे ने डेल्टा जिलों में धान की ढुलाई के लिए 13 मालगाड़ियां चलाने पर सहमति व्यक्त की है.
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के प्रभावी संचालन को सुनिश्चित करने के लिए, मुख्यमंत्री ने धान भंडारण के लिए गोदामों की क्षमता बढ़ाने के आदेश दिए हैं. विज्ञप्ति में कहा गया है कि इसके बाद, 199.78 करोड़ रुपये की लागत से 1.25 लाख टन की कुल क्षमता वाले 83 गोदाम स्थापित करने के लिए कदम उठाए गए है, जिनमें से 16 गोदाम चालू हो गए हैं. शेष 67 गोदामों की स्थापना के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. (PTI)